India Pakistan News: एलओसी से इस्लामाबाद तक मिलिट्री एक्शन, नए भारत से खौफ खा रहा पाकिस्तान
लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एसके सैनी के अनुसार ऑपरेशन सिंदूर नए भारत की यथार्थवादी नीति दर्शाता है। उड़ी और पुलवामा के बाद सेना की कार्रवाई एलओसी तक सीमित थी। पहलगाम हमले के जवाब में पहली बार एलओसी पार कर पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। भारत ने पहली बार पाकिस्तान के अंदर आतंकी कैंपों पर हमला किया और उनके समर्थकों पर भी कार्रवाई की।

विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद रोधी बल के प्रमुख रहे लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एसके सैनी का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर ने नए भारत की तस्वीर प्रस्तुत की है। नया भारत आदर्शवाद से हटकर यथार्थवादी दृष्टिकोण अपनाता है। उड़ी और पुलवामा हमलों के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की थी, लेकिन ये कार्रवाई पाक सीमा तक सीमित थी।
पहलगाम में निर्दोष लोगों की हत्या के जवाब में भारतीय सेना ने पहली बार एलओसी पार कर पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।
वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ रह चुके एसके सैनी ने कहा कि उड़ी या पुलवामा हमले के बाद सेना ने सर्जिकल और एयर स्ट्राइक के जरिए जवाबी कार्रवाई की थी, लेकिन पूर्व की कार्रवाई एलओसी के आसपास बने आतंकी ठिकानों तक सीमित थीं।
पाकिस्तान के अंदर आतंकी ठिकानों को बनाया निशाना
इस बार की रणनीति में अहम बदलाव यह देखने को मिला कि भारत के इतिहास में पहली बार भारतीय सेना ने एलओसी के साथ पाकिस्तान के अंदर बने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। पहली बार इन आतंकी कैंपों को समर्थन देने वाले पाकिस्तान के स्टैब्लिशमेंट पर भी हमला किया गया।
हमले की टाइमिंग और योजना के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह तय रणनीति है कि हाई-प्रोफाइल आतंकी हमला होने पर हम जवाब देते हैं। जवाबी कार्रवाई सीमा पार जाकर की जाएगी या फिर दूर से मार करने वाले हथियारों के जरिए, यह सब कुछ सेना की खुफिया जानकारी व तैयारी के आधार पर तय होता है।
पहलगाम हमले के बाद तुरंत जवाबी हमले का दबाव था, लेकिन भारतीय सेना और सरकार ने पूरी तैयारी के बाद कार्रवाई की, जो उचित था।
एक्शन में नेवी की भूमिका
1971 के बाद पहली बार नेवी को कार्रवाई में शामिल करने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर जल, थल और वायु सेना संयुक्त रूप से काम करती हैं और योजना के तहत संयुक्त जवाब देती हैं। सेना की योजना और पाक द्वारा सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के बाद जवाबी कार्रवाई के रूप में नेवी को भी लगाया गया है। यह सब सैन्य आपरेशन का हिस्सा है।
मालूम हो कि लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी सैनिक स्कूल कपूरथला और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र रहे हैं और जून 1981 में जाट रेजिमेंट में कमीशन हुए थे। उन्होंने दक्षिण सेना के पुणे मुख्यालय की कमान संभाली थी।
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