न्यूजीलैंड में घूमो, काम करो और कमाओ लाखों... FTA से भारतीयों के लिए हो जाएगी मौज; क्या-क्या बदलेगा?
भारत और न्यूजीलैंड के बीच मुक्त व्यापार समझौते के बाद, भारतीय युवाओं को न्यूजीलैंड में घूमने और काम करने का अवसर मिलेगा। न्यूजीलैंड हर साल 1000 भारतीय ...और पढ़ें

छात्रों को दो से तीन साल तक वर्क वीजा मिलेगा (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। न्यूजीलैंड व भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौता पर अमल के बाद भारतीय युवाओं को एक साल के लिए न्यूजीलैंड घूमने के साथ वहां काम करने का भी मौका मिलेगा। करार के तहत न्यूजीलैड हर साल म्यूजिक, योगा, पाक कला जैसी जानकारी रखने वाले 1000 भारतीय युवाओं को साल भर के लिए वीजा देगा। उस दौरान युवा वहां कमाने के साथ घूम-फिर भी सकेंगे।
वैसे ही न्यूजीलैंड पढ़ने जाने वाले सभी छात्र सप्ताह में 20 घंटे वहां काम भी कर सकेंगे। इससे इन छात्रों को आर्थिक रूप से बड़ी राहत मिलेगी। अभी न्यूजीलैंड में तीन लाख भारतीय रहते हैं। छात्र, कामगार व अन्य प्रोफेशनल्स को वीजा नियम में राहत देने से न्यूजीलैंड में भारतीयों की संख्या बढ़ेगी। विज्ञान, अंग्रेजी, टेक्नोलाजी व गणित विषय से ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाले छात्रों को दो से तीन साल तक वर्क वीजा मिलेगा।
न्यूजीलैंड ने भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए अलग से हर साल 5000 वीजा का कोटा निर्धारित किया है। इस कोटे के तहत जाने वाले प्रोफेशनल्स तीन साल तक वहां काम कर सकेंगे। इस कोटे से जाने वाले प्रोफेशनल्स वापस आ जाते हैं तो उनकी जगह कोई अन्य प्रोफेशनल्स न्यूजीलैंड जा सकेगा। आईटी, हेल्थ सेक्टर, शिक्षा, निर्माण, टूरिज्म से जुड़े प्रोफेशनल्स को इसका विशेष लाभ मिलेगा।
न्यूजीलैंड की मदद से सेब व किवी का बढ़ेगा उत्पादन
न्यूजीलैंड की मदद से भारत में सेब, किवी व मनुका मधु का उत्पादन बढ़ाने में बड़ी मदद मिलेगी। भारत के साथ मुक्त व्यापक समझौते (एफटीए) के तहत न्यूजीलैंड इन आइटम के साथ भारत के डेयरी सेक्टर की उत्पादकता बढ़ाने में अपनी टेक्नोलाजी से सहयोग करेगा। वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक अभी भारत में सेब का प्रति हेक्टेयर उत्पादन 9.2 टन है जबकि न्यूजीलैंड में प्रति हेक्टेयर उत्पादन 53.6 टन का है।
वैसे ही भारत में एक हेक्टेयर में 3.05 टन किवी का उत्पादन होता है जबकि न्यूजीलैंड में इतने ही एरिया में 47 टन किवी का उत्पादन होता है। हालांकि टेक्नोलाजी लेने के लिए भारत ने इन आइटम के शुल्क में न्यूजीलैंड को बड़ी राहत दी है, लेकिन एक निश्चित मात्रा में ही न्यूजीलैंड कम शुल्क पर सेब व किवी भारत के बाजार में भेज सकेगा। अभी न्यूजीलैंड के सेब पर 50 प्रतिशत का शुल्क लगता है जो एफटीए पर अमल के बाद एक निश्चित मात्रा के लिए 25 प्रतिशत हो जाएगा, लेकिन 110 रुपए प्रति किलोग्राम से कम मूल्य पर भारत में न्यूजीलैंड के सेब का आयात नहीं हो पाएगा।
भारतीय किसान इससे प्रभावित नहीं होंगे
किवी के लिए यह मूल्य 162 रुपए प्रति किलोग्राम निर्धारित की गई है। मनुका मधु भी काफी प्रीमियम मधु है, इसलिए भारतीय किसान इससे प्रभावित नहीं होंगे। दस से अधिक राज्यों को मिलेगा न्यूजीलैंड के एफटीए का लाभदेश के 10 से अधिक राज्यों को न्यूजीलैंड में अपने निर्यात बढ़ाने का मौका मिलेगा क्योंकि न्यूजीलैंड ने भारत की सभी वस्तुओं को 100 प्रतिशत शुल्क मुक्त कर दिया है।
वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के पशमीना शाल, हैंडीक्राफ्क्ट्स, केसर, हिमाचल प्रदेश के बासमती चावल, पंजाब के स्पोर्ट्स गुड्स, टेक्सटाइल्स, बासमती चावल, उत्तर प्रदेश के लेदर व फुटवियर, प्रोसेस्ड फूड, उत्तराखंड के टेक्सटाइल व हैंडलूम जैसे आइटम के निर्यात को बढ़ाने का बड़ा मौका मिलेगा। वहीं, दिल्ली के गारमेंट, आईटी सर्विस, गुजरात के सेरामिक, हीरा, प्रोसेस्ड फूड, कर्नाटक के खिलौने, इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम, तेलंगाना के फार्मा, समुद्री उत्पाद, तमिलनाडु के गारमेंट ऑटोमोबाइल कंपोनेंट्स जैसे आइटम के निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी।

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