Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Monsoon 2023: इस साल ज्यादा बारिश होगी या रहेगा सूखा? मानसून का पहला अनुमान जारी; अल नीनो का खतरा

    By AgencyEdited By: Nidhi Avinash
    Updated: Mon, 10 Apr 2023 03:55 PM (IST)

    India Monsoon Prediction भारत में इस बार बारिश कितनी और कैसी होगी इसका पहला पूर्वानुमान जारी हो गया है।स्काईमेट ने बताया कि एलपीए यानी की लॉन्ग पीरियड एवरेज (Long Period Average) का 94 फीसदी बारिश होने का अनुमान है।

    Hero Image
    इस साल ज्यादा बारिश होगी या रहेगा सूखा? मानसून का पहला अनुमान जारी

    बेंगलुरु, एजेंसी। India Monsoon Prediction: भारत में इस बार बारिश कितनी और कैसी होगी, इसका पहला पूर्वानुमान जारी हो गया है। वेदर रिपोर्ट देने वाली प्राइवेट एजेंसी स्काईमेट ने मानसून 2023 के लिए अपना पूर्वानुमान जारी किया है, जो काफी डरा देने वाली है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बता दें कि इस साल सामान्य से कम मानसून का अनुमान है, यानि की पहले अनुमान में बारिश सामान्य से कम रह सकती है।

    अल नीनो देने वाली है दस्तक

    स्काईमेट ने बताया कि एलपीए यानी की लॉन्ग पीरियड एवरेज (Long Period Average) का 94 फीसदी बारिश होने का अनुमान है।

    स्काईमेट के प्रबंध निदेशक जतिन सिंह ने एक बयान में कहा कि ला नीना के खत्म होने के बाद अब आने वाले दिनों में अल नीनो दस्तक देने वाली है,जिसके कारण मानसून के कमजोर रहने की संभावना बन रही है। स्काईमेट ने कहा कि, भारत में मानसून की बारिश लंबी अवधि के औसत का 94% रहने की उम्मीद है। भारत मौसम विज्ञान विभाग भी जल्द ही अपने वार्षिक मानसून पूर्वानुमान की घोषणा कर सकता है।

    उत्तरी और मध्य हिस्सों में बारिश की होगी कमी

    आपको बता दें कि भारत के लगभग आधे से ज्यादा किसान अपन खेत में चावल, मक्का, गन्ना, कपास और सोयाबीन जैसी फसलों को उगाने के लिए वार्षिक जून-सितंबर बारिश पर निर्भर करते है। स्काईमेट को उम्मीद है कि देश के उत्तरी और मध्य हिस्सों में बारिश की कमी का खतरा बना रहेगा।

    यहां न के बराबर होगी बारिश

    स्काईमेट के अनुसार, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में सीजन की दूसरी छमाही के दौरान सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। इस बीच, बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने भारत के उपजाऊ उत्तरी, मध्य और पश्चिमी मैदानी इलाकों में गेहूं जैसी फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है। इससे हजारों किसानों को नुकसान हुआ है।

    अल नीनो

    मानसून पर अल नीनो का खतरा मंडराया हुआ है। इसके कारण बारिश सामान्य से भी काफी कम होती है। अनुमान जताया जा रहा है कि अल नीनो का प्रभाव मई से जुलाई महीने के बीच देखा जा सकता है। बता दें कि अल नीनो का मतलब है कि जब समुद्र का तापमान और वायुमंडलीय परिस्थितियों में जो बदलाव आते हैं उसी समुद्री घटना को अल नीनो कहा जाता है।

    comedy show banner
    comedy show banner