भारत ने ब्रिटिश उच्चायुक्त के PoK दौरे पर दर्ज कराई कड़ी आपत्ति, कहा- क्षेत्रीय अखंडता का ऐसा उल्लंघन अस्वीकार्य
भारत ने नई दिल्ली में ब्रिटिश उच्चायुक्त के समक्ष शनिवार को एक मामला उठाते हुए कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। दरअसल इस्लामाबाद में ब्रिटिश उच्चायुक्त ने 10 जनवरी को पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) का दौरा किया था। भारत ने 10 जनवरी को ब्रिटेन के विदेश कार्यालय के एक अधिकारी के साथ इस्लामाबाद में ब्रिटिश उच्चायुक्त की PoK की बेहद आपत्तिजनक यात्रा को गंभीरता से लिया।

एएनआई, नई दिल्ली। भारत ने नई दिल्ली में ब्रिटिश उच्चायुक्त के समक्ष शनिवार को एक मामला उठाते हुए कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। विदेश मंत्रालय ने बताया कि उसने नई दिल्ली में ब्रिटिश उच्चायुक्त के सामने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। दरअसल, इस्लामाबाद में ब्रिटिश उच्चायुक्त ने 10 जनवरी को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) का दौरा किया था।
क्या है पूरा मामला?
भारत ने 10 जनवरी को ब्रिटेन के विदेश कार्यालय के एक अधिकारी के साथ इस्लामाबाद में ब्रिटिश उच्चायुक्त की PoK की बेहद आपत्तिजनक यात्रा को गंभीरता से लिया। भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का ऐसा उल्लंघन अस्वीकार्य है।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने इस उल्लंघन को लेकर भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है।
बयान में आगे कहा गया कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश हमेशा भारत के अभिन्न अंग रहे हैं और रहेंगे।
जेन मेरियट का मीरपुर से सलाम
इस्लामाबाद में ब्रिटिश उच्चायुक्त जेन मेरियट ने PoK दौरे की तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर शेयर की। उन्होंने कहा,
मीरपुर से सलाम, ये ब्रिटेन और पाकिस्तान के लोगों के बीच आपसी संबंधों का केंद्र है। 70 फीसद ब्रिटिश पाकिस्तानी जड़ें मीरपुर से हैं, जिससे हमारा साथ मिलकर काम करना प्रवासी हितों के लिए महत्वपूर्ण हो गया है। आपके आतिथ्य के लिए धन्यवाद।
Salaam from Mirpur, the heart of the UK and Pakistan’s people to people ties! 70% of British Pakistani roots are from Mirpur, making our work together crucial for diaspora interests. Thank you for your hospitality! pic.twitter.com/3LyNFQan9H
— Jane Marriott (@JaneMarriottUK) January 10, 2024
सनद रहे कि पिछले साल अक्टूबर में पाकिस्तान में अमेरिकी दूत डोनाल्ड ब्लोम ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर क्षेत्र का दौरा किया था। नई दिल्ली ने इस यात्रा को लेकर वाशिंगटन को अपनी 'कड़ी आपत्ति' से अवगत कराया था और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से उसकी 'संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता' का सम्मान करने का अनुरोध भी किया था।
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