ट्रंप टैरिफ के बीच रूस से तेल खरीदने के मामले में दूसरे नंबर पर भारत, पहले पर कौन?
भारत, अमेरिकी आपत्तियों के बावजूद, रूस से तेल आयात कर रहा है। अक्टूबर में 2.5 अरब डॉलर के कच्चे तेल की खरीद के साथ, भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार बन गया है। चीन 3.7 अरब डॉलर की खरीद के साथ पहले स्थान पर है। पश्चिमी देशों ने भारत और चीन से रूसी तेल की खरीद को सीमित करने का आग्रह किया है, क्योंकि उन्हें चिंता है कि इससे यूक्रेन में युद्ध को वित्तीय मदद मिल रही है।

रूस से तेल खरीदने के मामले में दूसरे नंबर पर भारत।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की आपत्तियों के बावजूद भारत लगातार रुस से तेल आयात कर रहा है। अक्टूबर में भारत ने रुस से 2.5 अरब डॉलर का कच्चा तेल खरीदा, जिसके साथ भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार बन गया।
हेलसिंकी स्थित सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) के अनुसार, 2.5 अरब डॉलर की तेल खरीद के साथ भारत चीन के बाद दूसरे नंबर पर है। चीन ने 3.7 अरब डॉलर के तेल की खरीद की। कुल मिलाकर, रूस से भारत का कच्चे तेल का आयात 3.1 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जबकि चीन का कुल 5.8 अरब डॉलर था।
रूस से तेल आयात में तीसरे नंबर पर तुर्किए
तुर्किए 2.7 अरब डॉलर मूल्य के आयात के साथ तीसरे नंबर पर रहा और यूरोपीय संघ 1.1 अरब डॉलर मूल्य के रूसी ऊर्जा उत्पादों के साथ चौथे स्थान पर रहा। पश्चिमी देशों ने बार-बार भारत और चीन से रूसी तेल की अपनी खरीद को सीमित करने का आह्वान किया है, इस चिंता का हवाला देते हुए कि ये आयात यूक्रेन में मॉस्को के युद्ध को वित्तपोषित कर रहे हैं।
चीन रूसी कोयले का शीर्ष खरीदार
पिछले महीने रूस के प्रमुख तेल निर्यातकों, रोसनेफ्ट और लुकोइल पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों का असर भारत और चीन के दिसंबर के आयात आंकड़ों पर दिखाई देने की उम्मीद है। चीन ने रूसी कोयले के शीर्ष खरीदार के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखी, भारत और तुर्किए दूसरे स्थान पर रहे।
अक्टूबर में भारत ने 351 मिलियन डॉलर मूल्य का रूसी कोयला खरीदा
अक्टूबर में, भारत ने 351 मिलियन डॉलर मूल्य का रूसी कोयला और 222 मिलियन डॉलर मूल्य के तेल उत्पादों का आयात किया। तुर्किए रूसी तेल उत्पादों का सबसे बड़ा खरीदार था, जिसका आयात 957 मिलियन डॉलर मूल्य का था, जिसमें से लगभग आधा डीजल था।

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