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    भारत के सामने बड़ा मौका, अमेरिका में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात बढ़ाने की गुंजाइश; चूकने पर वियतनाम उठा लेगा फायदा

    डोनाल्ड ट्रंप लगातार दुनियाभर के देशों पर टैरिफ लगाने में जुटे हुए हैं। मगर इस बीच भारत के सामने अमेरिकी बाजार में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात बढ़ाने का मौका है। मगर भारत को अपनी शुल्क नीति में बदलाव करना होगा। तभी इसका फायदा मिलने की उम्मीद है। ऐसा न करने पर वियतनाम को इसका फायदा मिल सकता है। बता दें कि ट्रंप भारत पर पारस्परिक टैरिफ लगाने का एलान कर चुके हैं।

    By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Tue, 18 Mar 2025 10:37 PM (IST)
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    भारत के सामने इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात बढ़ाने का मौका। ( फाइल फोटो )

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ट्रंप सरकार की नई शुल्क नीति को देखते हुए अमेरिका में इलेक्ट्रॉनिक्स खासकर स्मार्टफोन के निर्यात को कई गुना बढ़ाने की गुंजाइश है। इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माताओं का कहना है कि इस मौके का फायदा उठाने के लिए अमेरिका की शुल्क नीति को ध्यान में रखते हुए भारत को अपनी शुल्क नीति में बदलाव करना होगा। ऐसा नहीं करने पर वियतनाम जैसे दूसरे देश इसका फायदा उठा सकते हैं।

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    अमेरिका में छह अरब डॉलर का स्मार्टफोन का निर्यात

    आगामी दो अप्रैल से अमेरिका पारस्परिक शुल्क लगाने की घोषणा कर चुका है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने अमेरिका को 10 अरब डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम का निर्यात किया था। इनमें 60 प्रतिशत हिस्सेदारी स्मार्टफोन की थी।

    यानी कि लगभग छह अरब डॉलर के स्मार्टफोन का निर्यात अमेरिका में किया गया। अमेरिका सालाना 60 अरब डॉलर के सिर्फ स्मार्टफोन का आयात करता है। इसलिए भारत के पास अमेरिका के बाजार में स्मार्टफोन के निर्यात को बढ़ाने की पूरी गुंजाइश है।

    चीन अब भी सबसे बड़ा सप्लायर

    अमेरिका के बाजार में इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम का सबसे बड़ा सप्लायर अब भी चीन बना हुआ है। लेकिन चीन पर हाल में ही अमेरिका ने 20 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगा दिया है। इससे चीन का आइटम काफी महंगा हो जाएगा।

    जानकारों का कहना है कि पारस्परिक शुल्क के अमल में आने से पहले भारत ने भी अमेरिका से आने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम पर शुल्क नहीं घटाया तो अमेरिका निर्यात होने वाले भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम पर औसतन 15 प्रतिशत का शुल्क लगेगा जो अभी सिर्फ औसतन 0.5 प्रतिशत है।

    तो वियतनाम उठा लेगा फायदा

    भारत अमेरिका से आने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम पर 7.5-20 प्रतिशत का शुल्क लेता है। इंडिया सेलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के मुताबिक ऐसी स्थिति में इसका फायदा वियतनाम को मिल सकता है क्योंकि वियतनाम में अमेरिकी इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम के लिए कोई शुल्क नहीं है। ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम बनाने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियां भी भारत की जगह वियतनाम में मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगा सकती है।

    अमेरिका इन आइटम का बढ़ाएगा निर्यात

    जानकारों का कहना है कि भारत स्मार्टफोन के साथ टैबलेट, रंगीन टीवी, एसी जैसे आइटम का भी निर्यात अमेरिका में बढ़ा सकता है। प्रोडक्शन लिंक्ड स्कीम के तहत 40 से अधिक कंपनियां भारत में टैब, लैपटॉप, एसी जैसे आइटम बनाने जा रही है और इन सबके लिए अमेरिका बड़ा बाजार बन सकता है। 60 अरब डॉलर के स्मार्टफोन समेत अमेरिका सालाना 500 अरब डॉलर से अधिक मूल्य केइलेक्ट्रॉनिक्स आइटम का आयात करता है।

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