Trump Tariff News: ट्रंप के टैरिफ बम से बचने के लिए भारत के पास हैं ये 2 विकल्प, 20 दिन में ही लेना होगा फैसला
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर अप्रत्याशित रूप से 50% टैरिफ लगाया है जो 27 अगस्त से प्रभावी होगा। यह फैसला रूस से तेल खरीदने पर जुर्माने के तौर पर है जिसे भारत ने अनुचित बताया है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को अपनी रणनीतिक साझेदारी पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता हो सकती है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अप्रत्याशित ढंग से भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया। हालांकि, टैरिफ की नई दरें 27 अगस्त से लागू होंगी।
बुधवार, 6 अगस्त को ट्रंप ने भारत पर अमेरिकी टैरिफ को 25% से बढ़ाकर 50% कर दिया। जिसे भारत द्वारा रूसी तेल खरीदने का पर जुर्माने के तौर पर लगाया गया है। ट्रंप के इस कदम को भारत ने अनुचित करार दिया है।
एशिया में सबसे ज्यादा टैरिफ का सामना कर रहा भारत
ट्रंप के इस टैरिफ के बाद भारत एशिया में अमेरिका का सबसे ज्यादा टैरिफ का सामना करने वाला व्यापारिक साझेदार बन गया है। टैरिफ के मामले में भारत और ब्राजील बराबरी पर खड़े हैं। दोनों ही देश भारी टैरिफ का सामना कर रहे हैं।
ट्रंप के नए टैरिफ के एलान के बाद ज्यादातर भारतीय निर्यातकों का कहना है कि वे मुश्किल से 10-15% की वृद्धि को झेल पाएंगे, 50% टैरिफ उनकी क्षमता से बहुत ज्यादा है।
भारत कैसे करेगा ट्रंप के टैरिफ बम का सामना, क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
ट्रंप ने जहां एकतरफा टैरिफ का ऐलान कर दिया है अब सवाल उठता है कि आखिरकार भारत के पास क्या विकल्प हैं, वो किस तरह ट्रंप के टैरिफ बम का सामना करेगा?
दिल्ली स्थित थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के अजय श्रीवास्तव का कहना है, "अमेरिका की कार्रवाई भारत को अपने रणनीतिक साझेदारी पर पुनर्विचार करने और रूस, चीन के साथ कई दूसरे देशों के साथ संबंधों को गहरा करने के लिए प्रेरित कर सकती है।"
चैथम हाउस के डॉ. चिटिग्ज बाजपेयी के मुताबिक, "रूसी सैन्य हार्डवेयर पर निर्भरता कम करने और तेल आयात में विविधता लाने के भारत के प्रयास ट्रंप प्रशासन के दबाव से पहले के हैं, इसलिए दिल्ली अपनी मौजूदा विदेश नीति के मुताबिक कुछ समझौतावादी संकेत दे सकता है।"
वहीं आरबीआई के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल ने लिंक्डइन पर लिखा, ट्रंप की हालिया घोषणा के साथ भारत की सबसे बुरी आशंकाएं सच साबित हुई हैं।
उन्होंने कहा, उम्मीद है कि यह अल्पकालिक होगा और इस महीने होने वाले व्यापार समझौते पर बातचीत आगे बढ़ेगी। वर्ना, एक अनावश्यक व्यापार युद्ध छिड़ सकता है, जिसकी रूपरेखा का इस शुरुआती दौर में आकलन करना मुश्किल है।
जल्द ही चीन का दौरा करेंगे पीएम मोदी
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए चीन का दौरा करेंगे। ये दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब रूस से तेल खरीदने को लेकर अमेरिका ने भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया है। पीएम मोदी का चीन दौरा भारत-चीन-रूस के बीच त्रिपक्षीय वार्ता की फिर से शुरुआत कर सकता है।
ट्रंप के टैरिफ पर चीन ने जताई नाराजगी
पीएम मोदी के चीन दौरे से पहले ट्रंप के टैरिफ के फैसले पर अब चीन ने भी कड़ी नाराजगी जाहिर की है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारत सहित अन्य सभी देशों पर ट्रंप के टैरिफ लगाए जाने की आलोचना करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया है। चीन ने कहा है कि अमेरिका अन्य देशों को दबाने के लिए टैरिफ को हथियार बना रहा है।
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