भारत ने गश्ती पोत 'वरुण' श्रीलंका को सौंपा
भारतीय तटरक्षक बल ने बताया कि 'आइसीजीएस वरुण' का नाम समुद्र देव वरुण के नाम पर रखा गया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। दोनों देशों के तटरक्षक बलों के बीच सहयोग को बढ़ाते हुए भारत ने मंगलवार को कोच्चि में अपतटीय गश्ती पोत 'वरुण' श्रीलंका को सौंप दिया। इससे पहले श्रीलंकाई तटरक्षक चालक दल के सदस्यों को पोत के बारे में परिचय और प्रशिक्षण दिया गया। इस कार्यक्रम के दौरान श्रीलंकाई नौसेना के प्रमुख रियर एडमिरल एसएस रणसिंघे भी मौजूद थे।
भारतीय तटरक्षक बल ने बताया कि 'आइसीजीएस वरुण' का नाम समुद्र देव वरुण के नाम पर रखा गया है। इसे भारतीय तटरक्षक बल में फरवरी 1988 में शामिल किया गया था। पिछले महीने की 23 तारीख को पारंपरिक सम्मान के साथ इसे सेवा से हटाया गया था, ताकि कोच्चि में सौंपा जा सके।
इससे पहले भी भारतीय तटरक्षक बल दो अपतटीय गश्ती वाहन सौंप चुका है। इनमें अप्रैल 2006 में सौंपा गया 'वराह' और 'विग्रह' (अगस्त 2008 में) शामिल है।
तटरक्षक बल के बयान में कहा गया है, 'भारतीय तटरक्षक बल के अपतटीय गश्ती पोत को श्रीलंका की सरकार को प्रशिक्षण व निगरानी के मकसद से सौंपा गया है। यह भारत के दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक व सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के निरंतर प्रयासों का एक हिस्सा है।'
अब इस पोत का पेनंट (पताका) नंबर एसएलसीजी-60 होगा और इसकी कमान कैप्टन नेविले अमारा उबयसिरी करेंगे। भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक राजेंद्र सिंह ने हस्तांतरण समारोह के दौरान अपनी टिप्पणी में दोनों देशों के बीच पारस्परिक लाभ के संबंधों के महत्व को उजागर किया।
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