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    BHARAT की G20 अध्यक्षता की मुरीद हुई दुनिया, बाइडन और मैक्रों के बाद अब विश्व बैंक अध्यक्ष ने की जमकर तारीफ

    By AgencyEdited By: Mahen Khanna
    Updated: Sun, 10 Sep 2023 05:13 PM (IST)

    G20 Summit in Delhi भारत की जी20 अध्यक्षता की विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने जमकर तारीफ की है। बांगा ने कहा कि भारत ने जी20 की अध्यक्षता में दुनिया के लिए एक नया आयाम तय किया है। उन्होंने इस बात की भी सराहना की कि भारत ने जी20 घोषणापत्र पर सभी देशों की आम सहमति आसानी से बना ली।

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    G20 Summit अजय बंगा ने भारत की तारीफ की।

    नई दिल्ली, एजेंसी। G20 Summit भारत की जी20 अध्यक्षता की हर कोई तारीफ कर रहा है। इसी कड़ी में अब विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा शामिल हो गए हैं। बंगा ने कहा कि भारत ने जी20 की अध्यक्षता में दुनिया के लिए एक रास्ता तय किया है। उन्होंने इस बात की भी सराहना की कि जी20 घोषणापत्र पर सभी देशों की आम सहमति आसानी से बन पाई।

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    एकजुट हैं जी20 देश 

    बंगा ने कहा कि मैं इस तथ्य से खुश हूं कि जी20 देश एक दूसरे का साथ देने को एकजुट खड़े हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया देख रही है कि जी20 को कैसे विकसित दुनिया और विकासशील देश मिले हैं।

    यह भी पढ़ें- G20 India: वैश्विक धरोहर और विरासत का प्रतीक है संस्कृति गलियारा, भारत मंडपम में प्रदर्शित हुईं अनूठी तस्वीरें

    दुनिया की 80 फीसद जीडीपी एक कमरे में...

    न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए बंगा ने इस बात पर जोर दिया कि चुनौतियां हमेशा मौजूद रहेंगी, लेकिन भारत ने आम सहमति बनाकर दुनिया को रास्ता दिखाया है। बंगा ने आगे कहा,

    दुनिया की 80 फीसद जीडीपी कमरे में बैठी हुई थी। अगर वे किसी विषय पर सहमत नहीं होंगे तो इससे अच्छा संदेश नहीं जायेगा। मैं वास्तव में घोषणापत्र पर आम सहमति बनाने में सक्षम होने के लिए भारत, उसके नेतृत्व और जी20 लीडर्स की सराहना करता हूं।

    सम्मेलन में मौजूद देशों का मूड देखकर अच्छा लगा

    बंगा ने कहा कि हर देश अपना फायदा देखता है, लेकिन मैंने इस सम्मेलन में जो मूड देखा, उससे मैं आशावादी हूं। विश्व बैंक अध्यक्ष ने कहा कि यहां हर देश अपने राष्ट्रीय हितों का ध्यान तो दे रहा था, लेकिन दूसरे के विचारों को भी सुन रहा था। 

    बता दें कि जी20 घोषणापत्र की सबसे बड़ी उपलब्धि यह थी कि इसके सभी 83 पैराग्राफ चीन और रूस के साथ 100 प्रतिशत सर्वसम्मति से पारित किए गए थे। यह पहली दफा था कि घोषणा में कोई नोट या अध्यक्ष का सारांश शामिल नहीं था।