G20 India: वैश्विक धरोहर और विरासत का प्रतीक है संस्कृति गलियारा, भारत मंडपम में प्रदर्शित हुईं अनूठी तस्वीरें
भारत ने जी-20 शिखर सम्मेलन का सफलतापूर्ण आयोजन कर विश्व को खुद के सामर्थ्य से रूबरू कराया और समृद्ध भारत की एक अनूठी तस्वीर पेश की। राष्ट्रीय राजधानी के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ। संस्कृति गलियारा जी-20 डिजिटल संग्रहालय को प्रदर्शित करता है जो जी-20 सदस्यों और आमंत्रित देशों की साझा विरासत के प्रतिनिधित्व के साथ ही उसकी जश्न भी मना रहा है।
नई दिल्ली, एएनआई। भारत ने जी-20 शिखर सम्मेलन का सफलतापूर्ण आयोजन कर विश्व को खुद के सामर्थ्य से रूबरू कराया और समृद्ध भारत की एक अनूठी तस्वीर पेश की। राष्ट्रीय राजधानी के प्रगति मैदान स्थित 'भारत मंडपम' में नौ और दस सितंबर को जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस आयोजन स्थल पर एक 'संस्कृति गलियारा' है, जो वैश्विक विरासतों का संगम है।
संस्कृति गलियारा
संस्कृति गलियारा जी-20 डिजिटल संग्रहालय को प्रदर्शित करता है, जो जी-20 सदस्यों और आमंत्रित देशों की साझा विरासत के प्रतिनिधित्व के साथ ही उसकी जश्न भी मना रहा है। इसमें जी-20 सदस्यों और नौ आमंत्रित देशों की प्रतिष्ठित और महत्वपूर्ण सांस्कृतिक वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है। दरअसल, इस संस्कृति गलियारे को अलग-अलग संस्कृति की समझ और महत्व को दर्शाने के लिए प्रदर्शित किया गया है।
Bharat Mandapam, the venue for the G20 Summit, showcases a unique international project - ‘Culture Corridor - G20 Digital Museum’. The culture corridor represents and celebrates the shared heritage of G20 members and invitee countries. It incorporates iconic and notable cultural… pic.twitter.com/aPl1SmeYgv
— ANI (@ANI) September 10, 2023
संस्कृति गलियारे में भारत से पाणिनि का व्याकरण ग्रंथ अष्टाध्यायी, इंडोनेशिया के बाटिक पोशाक, अमेरिका के 'चार्टर्स ऑफ फ्रीडम' की मूल प्रतियां, चीन के 'फहुआ' ढक्कन वाले एक डिब्बे को भी प्रदर्शित किया गया है। इसी प्रकार अन्य सदस्य और आमंत्रित देशों की विरासत को भी प्रदर्शित किया गया। ब्रिटेन से 'मैग्नाकार्टा' की एक दुर्लभ प्रति और मोनालिसा की एक डिजिटल छवि को भी 'संस्कृति गलियारे' में जगह दी गई।
अष्टाध्यायी
अष्टाध्यायी महर्षि पाणिनि द्वारा रचित एक प्राचीन व्याकरण ग्रंथ है। इसमें आठ अध्याय और 4000 सूत्र हैं। बता दें कि अष्टाध्यायी में व्याकरण की तुलना ट्यूरिंग मशीन से की गई है।
बाटिक पोशाक
जवानीस संस्कृति में बाटिक पोशाक का अपना महत्व है, इस पोशाक को कपड़े पर पिछले हुए मोम के साथ तैयार किया जाता है। दरअसल, बाटिक शब्द एक चौड़े कपड़े पर बिंदुओं को प्रदर्शित करने से जुड़ा हुआ है, जबकि मोनोटाइप का इस्तेमाल ब्लॉक प्रिंटिंग के माध्यम से मोम लगाने के लिए किया जाता है।
ब्राजील के पार्लियामेंट का मॉडल
संस्कृति गलियारे में ब्राजील के प्रतिष्ठित नेशनल पार्लियामेंट पैलेस को प्रदर्शित किया गया है। यहां पर नेशल पार्लियामेंट पैलेस आधारशिला के रूप में खड़ा है। यह डिजाइन स्पष्ट रूप से ब्राजील की लोकतांत्रिक भावना का प्रतीक है।
अर्जेंटीना का पोंचो
पोंचो एक आयताकार कपड़ा है। यह पहली बार 1100 ईस्वी के आसपास सैन जुआन प्रांत में देखा गया था। पोंचो लोंड्रेस, कैटामार्का प्रांत की परंपराओं को प्रदर्शित करता है, जहां कारीगर पोंचो को रंगने के लिए काले कैरब-पेड़ और अखरोट-खोल का इस्तेमाल करते हैं।
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कब हुआ संस्कृति गलियारा का अनावरण?
भारत मंडपम में संस्कृति गलियारे का अनावरण नौ सितंबर, 2023 को हुआ। यह परियोजना भारत की जी-20 थीम 'वसुधैव कुटुंबकम' और संस्कृति कार्य समूह के हॉलमार्क अभियान 'संस्कृति सभी को एकजुट करती है' पर आधारित है।
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