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    Aditya-L1 Mission: भारत ने अंतरिक्ष में रचा नया इतिहास, अपने लक्ष्य तक पहुंचा आदित्य एल-1; PM मोदी ने दी बधाई

    Updated: Sat, 06 Jan 2024 04:55 PM (IST)

    भारत ने शनिवार को अंतरिक्ष में नया इतिहास रचा है। भारत का सूर्य मिशन- आदित्य एल-1 अपने लक्ष्य तक पहुंच गया है। इसरो की इस कामयाबी पर प्रधानमंत्री मोदी ने बधाई दी है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने एक और उपलब्धि हासिल की। भारत की पहली सौर वेधशाला आदित्य-एल1 अपने गंतव्य तक पहुंची। उन्होंने कहा कि यह हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है।

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    अपने लक्ष्य तक पहुंचा आदित्य एल-1। (फाइल फोटो)

    एएनआई, नई दिल्ली। भारत ने शनिवार को अंतरिक्ष में नया इतिहास रचा है। भारत का सूर्य मिशन आदित्य एल-1 अपने लक्ष्य तक पहुंच गया है। इसरो की इस कामयाबी पर प्रधानमंत्री मोदी ने बधाई दी है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने एक और उपलब्धि हासिल की। भारत की पहली सौर वेधशाला आदित्य-एल1 अपने गंतव्य तक पहुंची। उन्होंने कहा कि यह हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है। 

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    पीएम मोदी ने इसरो को दी बधाई

    पीएम मोदी ने कहा, मैं इस असाधारण उपलब्धि की सराहना करने में राष्ट्र के साथ शामिल हूं। उन्होंने कहा कि हम मानवता के लाभ के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे।

    जितेंद्र सिंह ने इसरो के काम को सराहा

    केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इसरो की सफलता पर बधाई देते हुए कहा कि चांद से लेकर सूर्य तक हम। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत के लिए यह साल कितना शानदार रहा। हमारी इसरो टीम ने एक और सफलता की कहानी लिखी है। आदित्य एल-1 सूर्य के रहस्यों से पर्दा उठाने के लिए अपनी अंतिम कक्षा में पहुंच गया है।

    यह भी पढ़ेंः Aditya L1 Mission Live: अपने लक्ष्य पर पहुंचा आदित्य-एल 1, सूर्य की गतिविधियों पर होगी पैनी नजर

    आदित्य एल-1 मिशन की कब हुई थी शुरुआत?

    बता दें कि एल-1 प्वाइंट के पास की कक्षा में रखे गए सेटेलाइट से सूर्य को बिना किसी छाया के लगातार देखा जा सकेगा। एल-1 का उपयोग करते हुए चार पेलोड सीधे सूर्य की ओर होंगे। शेष तीन पेलोड एल-1 पर ही क्षेत्रों का अध्ययन करेंगे। पांच साल के इस मिशन के दौरान आदित्य इसी जगह से सूर्य का अध्ययन करेगा।

    आदित्य-एल-1 सूर्य का अध्ययन करने वाली अंतरिक्ष में स्थापित की जाने वाली पहली भारतीय वेधशाला है। पिछले साल दो सितंबर को ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी57) ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 'आदित्य' के साथ उड़ान भरी थी।

    कैसे काम करेगा आदित्य एल-1?

    जानकारी के अनुसार, आदित्य एल-1 का विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (वीईएलसी) पेलोड सीएमई की गतिशीलता का अध्ययन करेगा। सोलर अल्ट्रावायलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (एसयूआइटी) फोटोस्फेयर और क्रोमोस्फेयर की तस्वीरें लेगा।

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