भारत का एक और बड़ा दांव, फिजी के साथ रक्षा संबंधों को बढ़ावा; तैयार होगा रोडमैप
भारत और फिजी ने रक्षा संबंधों को मजबूत करने पर सहमति जताई है। पीएम मोदी और फिजी के पीएम राबुका के बीच हुई बैठक में रक्षा सहयोग के लिए एक रोडमैप बनाने का निर्णय लिया गया। भारत फिजी की समुद्री सुरक्षा को सशक्त करने के लिए प्रशिक्षण और उपकरणों में सहयोग देगा। दोनों देशों ने आतंकवाद की निंदा की।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत और फिजी के बीच रक्षा संबंधों को मजबूत करने को लेकर सहमति बनी है। यहां सोमवार को पीएम नरेन्द्र मोदी और फिजी के पीएम सितीवेनी राबुका के बीच चली बैठक में यह फैसला हुआ कि रक्षा संबंधों को आगे बढ़ाने को लेकर एक रोडमैप बनाया जाएगा।
यह पहला मौका है कि भारत ने प्रशांत क्षेत्र के किसी द्वीप देश के साथ रक्षा संबंधों को लेकर कार्य योजना बनाने का फैसला किया है। प्रशांत क्षेत्र के छोटे-छोटे द्वीपों के बढ़ते महत्व को देखते हुए भारत सरकार लगातार इनके साथ संपर्क को मजबूत करने में जुटी है।
2014 में फिजी गए थे पीएम मोदी
वर्ष 2014 में पीएम बनने के कुछ ही महीनों बाद मोदी फिजी गये थे जबकि वर्ष 2023 में वह पापुआ न्यू गिनी गये थे। पीएम राबुका से मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि, "हमने रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में आपसी सहयोग को मजबूत करने का निर्णय लिया है। इसके लिए एक कार्य योजना तैयार की गई है। फिजी की समुद्री सुरक्षा को सशक्त करने के लिए भारत प्रशिक्षण और उपकरणों में सहयोग देगा।"
उन्होंने साइबर सुरक्षा और डेटा संरक्षण जैसे क्षेत्रों में अनुभव साझा करने की प्रतिबद्धता भी जताई। दोनों देशों ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए हाल के पहलगाम आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी।
हुई द्विपक्षीय बैठक
दोनों नेताओं की अगुवाई में इसके पहले प्रतिनिधिमंडल स्तर की द्विपक्षीय बैठक की। इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने रक्षा सहयोग को मजबूत करने, समुद्री सुरक्षा, स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन और व्यापार जैसे क्षेत्रों में भारत-फिजी साझेदारी को और गहरा करने पर व्यापक चर्चा की।भारत ने 2025 में फिजी में एक भारतीय नौसेना जहाज के पोर्ट कॉल की घोषणा की, जो समुद्री सहयोग और अंतरसंचालनीयता को बढ़ाएगा।
फिजी की विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, राबुका ने भारत की सहायता का स्वागत किया। विदेश मंत्रालय की सचिव (दक्षिण) नीना मल्होत्रा ने बताया कि, “फिजी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक मूल्यवान साझेदार है और प्रशांत क्षेत्र में एक क्षेत्रीय केंद्र के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।''
स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन पर सहयोगपीएम मोदी ने फिजी के लिए कई स्वास्थ्य पहलों की घोषणा की, जिसमें सुवा में 100 बेड का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, डायलिसिस यूनिट, समुद्री एम्बुलेंस और जन औषधि केंद्र शामिल हैं।
कई समझौतों पर हुए हस्ताक्षर
साथ ही दोनों देसों के बीच छोटे व मझोले उद्योगों, कृषि और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने पर बात हुई है। दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं जिनमें नाबार्ड और फिजी डेवलपमेंट बैंक के बीच सहयोग संबंधी समझौता महत्वपूर्ण है।
भारतीय मानक ब्यूरो और फिजी के राष्ट्रीय व्यापार मापन विभाग के बीच मानकीकरण और जन औषधि योजना के तहत दवाओं की आपूर्ति शामिल को लेकर भी समझौता हुआ है।
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