भारत के लिए कितना महत्वपूर्ण है यूरोपीय संघ, अगले महीने FTA पर चर्चा
भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) दिसंबर तक होने की संभावना है। इसके लिए दोनों पक्ष अगले एक महीने में दो दौर की अहम वार्ता करेंगे। यूरोपीय आयोग के कृषि आयुक्त और व्यापार प्रमुख इस सप्ताह भारत आ रहे हैं। यूरोपीय संघ भारत का बड़ा व्यापारिक साझेदार है और दोनों पक्ष कई परिवर्तनकारी पहलों को मजबूत करने की प्रक्रिया में हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और यूरोपीय संघ के बीच दिसंबर के अंत तक मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) हो सकता। इसे जल्द अंतिम रूप देने के इरादे से भारत और यूरोपीय संघ अगले एक महीने में दो दौर की महत्वपूर्ण वार्ता करेंगे, ताकि मतभेदों को दूर किया जा सके।
यूरोपीय आयोग के कृषि आयुक्त क्रिस्टोफ हैनसेन और व्यापार प्रमुख मारोस सेफ्कोविक इस सप्ताह बातचीत के लिए भारत आ रहे हैं, क्योंकि दोनों पक्ष साल के अंत तक एफटीए पर हस्ताक्षर करना चाहते हैं। यूरोपीय संघ भारत का बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जिसके साथ वित्तीय वर्ष 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार 135 अरब डालर तक पहुंचने का अनुमान है।
व्यापार समझौते के अलावा, भारत और यूरोपीय संघ कई परिवर्तनकारी पहलों को भी मजबूत करने की प्रक्रिया में हैं। इनमें एक नया राजनीतिक-रणनीतिक दृष्टिकोण और रक्षा संबंधों का विस्तार करने के लिए प्रमुख आधारभूत ढांचे शामिल हैं। ये कदम बढ़ती भू-राजनीतिक अनिश्चितता की पृष्ठभूमि में उठाए गए हैं।
दोनों पक्ष अगले तीन महीनों में कई उच्च-स्तरीय बैठकें करेंगे
महत्वपूर्ण बात यह है कि यूरोपीय संघ 17 सितंबर को भारत के साथ संबंधों के लिए अपने नए रणनीतिक दृष्टिकोण का अनावरण करेगा, जिसमें नई दिल्ली के साथ संबंधों के लिए उसके भविष्य के दृष्टिकोण के प्रमुख तत्व शामिल होंगे। दोनों पक्ष अगले तीन महीनों में कई उच्च-स्तरीय बैठकें और वार्ताएं भी करेंगे, जिनमें यूरोपीय संघ की राजनीतिक और सुरक्षा समिति का भारत दौरा भी शामिल है।
भारत-यूरोपीय संघ आतंकवाद-रोधी वार्ता भी इसी महीने ब्रसेल्स में होने वाली है, जबकि व्यापार पर यूरोपीय संघ संसद की स्थायी समिति अक्टूबर में नई दिल्ली का दौरा करेगी। इसके बाद 20-21 नवंबर को हिंद-प्रशांत मंत्रिस्तरीय मंच की बैठक होगी।
दिल्ली में होगी विदेश नीति और सुरक्षा वार्ता
यूरोपीय संघ-भारत व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद की अगली बैठक भी नवंबर में होने की संभावना है। दोनों पक्षों के बीच विदेश नीति और सुरक्षा वार्ता भी दिल्ली में होने वाली है। यूरोपीय संघ के विदेश मामलों और सुरक्षा नीति के उच्च प्रतिनिधि काजा कालास के दिसंबर या जनवरी में भारत आने की उम्मीद है।
(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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