आज से शुरू हो रहा है दैनिक जागरण का भारत रक्षा पर्व
हर वर्ष की तरह भारत रक्षा पर्व शुक्रवार सात जुलाई से शुरू होगा यह सात अगस्त तक चलेगा। ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : हर वर्ष की तरह भारत रक्षा पर्व शुक्रवार सात जुलाई से शुरू होगा यह सात अगस्त तक चलेगा। पिछले करीब डेढ़ दशक से 'दैनिक जागरण' भारत रक्षा पर्व का आयोजन कर रहा है। रक्षा पर्व की शुरुआत कानपुर से होगी। कानपुर से दो रक्षा रथ निकाले जाएंगे जो अलग-अलग अलग रूट से चलते हुए जम्मू और सिलिगुड़ी पहुंचेंगे। जिन शहरों से ये रक्षा रथ गुजरेंगे, वहां से सरहद पर तैनात सैनिक भाइयों के लिए राखियां इकट्ठी की जाएंगी। तीसरा रक्षा रथ रायपुर से निकलेगा जो छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के शहरों से होता हुआ जम्मू पहुंचेगा जहां समारोहपूर्वक देश भर से इकट्ठा की गई राखियां सैनिक भाइयों की कलाइयों पर बांधी जाएंगी।
भारत रक्षा पर्व के साथ जुडि़ए और सैनिकों के लिए राखियां भेजिए। रेशमी धागों से बनी मोहक राखियां भाई की कलाई पर बांधते हुए बहनें भाइयों की लंबी उम्र की कामना करती हैं तो भाई उनकी रक्षा का वचन देता है। मगर हमारे सैनिक तो पूरे देश की रक्षा का वचन देते हैं, फिर रक्षाबंधन के पावन अवसर पर देश अपने फौजी भाइयों को कैसे भूल सकता है। इसलिए देश भर से माताएं-बहनें इन फौजी भाइयों की लंबी उम्र की कामना करते हुए अपने हाथों से उनके लिए राखी बना कर भेजती हैं।
'दैनिक जागरण' ने संवेदना के इस धागे को सरहद पर तैनात फौजी भाइयों तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया हुआ है। इस वर्ष देश भर के लोगों में सैनिकों के प्रति संवेदना जगाने के लिए रक्षा रथ के साथ-साथ कई स्थानों पर नुक्कड़ नाटकों का आयोजन भी किया जाएगा। राखी के ये धागे बहुत कुछ कहते हैं। हमारी रक्षा के लिए जवान सीमा पर खड़े हैं तो यहां उनके परिवार के साथ पूरा देश खड़ा है। अपने शहर में रक्षा रथ पहुंचने पर आप सीमा पर तैनात अपने भाइयों को राखी और संदेश भेज सकते हैं। रक्षा रथ पहुंचने की सूचना लगातार दी जाती रहेगी। यह अवसर है अपने सैनिक भाइयों को यह भरोसा दिलाने का कि आप सीमाओं पर मुस्तैदी से डटे रहो, पूरा देश आपके साथ है।
पिछले साल 15 लाख राखियां भेजी गईं
पिछले वर्ष भी करीब महीने भर तक चले भारत रक्षा पर्व के दौरान रक्षा रथों ने 11,000 किलोमीटर की यात्रा की थी। तीन रक्षा रथ दस राज्यों के करीब 250 शहरों से गुजरते हुए सीमा पर पहुंचे थे। पिछले वर्ष दैनिक जागरण के इस अभियान के दौरान 15 लाख राखियां जमा की गई थीं जिन्हें सीमा पर जवानों के बीच बांटा गया था। इस साल करीब 20 लाख राखियां और 10 लाख संदेश कार्ड सैनिकों के लिए भेजने की उम्मीद है। पिछले साल पांच लाख से अधिक शुभकामना संदेश भेजे गए थे।

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