बड़ी कूटनीतिक सफलता! LAC पर आज पीछे हटेंगी भारत-चीन की सेनाएं, पूर्वी लद्दाख में चार साल बाद शुरू होगी पैट्रोलिंग
Jaishankar on LAC भारत और चीन में रिश्तों को सुधारने के लिए आज दोनों देशों की सेनाएं एक बड़ा कदम उठाने जा रही हैं। कूटनीतिक संबंधों को बेहतर बनाने के ...और पढ़ें
एजेंसी, नई दिल्ली। Jaishankar on LAC भारत और चीन में रिश्तों को सुधारने के लिए आज दोनों देशों की सेनाएं एक बड़ा कदम उठाने जा रही हैं। दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों को बेहतर बनाने के लिए भारत और चीन आज और 29 अक्टूबर तक वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पार सैन्य वापसी की प्रक्रिया पूरी कर लेंगे।
पूर्वी लद्दाख में सीमा पर सैन्य वापसी
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 में दोनों देशों के सैनिकों के पीछे हटने और अस्थायी ढांचों को हटाने के बाद एलएसी के कुछ क्षेत्रों में अब गश्त शुरू हो जाएगी। दोनों देशों के बीच सैन्य वापसी एलएसी के दो टकराव बिंदुओं- पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और देपसांग मैदानों पर होगी।
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अप्रैल 2020 की स्थिति होगी बहाल
भारतीय सेना के एक सूत्र ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि नवीनतम समझौते केवल डेमचोक और देपसांग के लिए मान्य होंगे, अन्य स्थानों के लिए नहीं। यह समझौता दूसरे टकराव वाली जगहों पर लागू नहीं होगा। दोनों पक्षों के सैनिक अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति में वापस आ जाएंगे और वे उन क्षेत्रों में गश्त करेंगे जहां उन्होंने अप्रैल 2020 तक गश्त की थी।
जयशंकर ने बताया आगे का प्लान
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में सैनिकों का पीछे हटना पहला कदम है और उम्मीद है कि भारत 2020 की गश्त की स्थिति में वापस आ जाएगा। विदेश मंत्री ने स्पष्ट रूप से चीन की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगला कदम तनाव कम करना है।
हालांकि, ऐसा तब तक नहीं होगा जब तक भारत को यकीन नहीं हो जाता कि दूसरी तरफ भी यही हो रहा है। तनाव कम होने के बाद सीमाओं का प्रबंधन कैसे किया जाए, इस पर चर्चा की जाएगी।इस सप्ताह की शुरुआत में भारत ने घोषणा की कि उसने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त करने को लेकर चीन के साथ समझौता कर लिया है।
बड़ी कूटनीतिक सफलता
चार साल से अधिक समय से पूर्वी लद्दाख में जारी सैन्य गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में यह एक बड़ी सफलता है। मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि देपसांग और डेमचोक में गश्त करने और पीछे हटने पर आम सहमति बन गई है। यह स्पष्ट है कि इसे लागू करने में समय लगेगा। यह पीछे हटने और गश्त का मुद्दा है, जिसका मतलब है कि हमारी सेनाएं एक-दूसरे के बहुत करीब आ गई थीं और अब वे अपने ठिकानों पर वापस चली गई हैं। हमें उम्मीद है कि 2020 वाली स्थिति बहाल हो जाएगी।

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