भारत-कनाडा के रिश्तों में कैसे आई खटास? केंद्रीय मंत्री ने बताया दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने का मुख्य कारण
भारत सरकार ने कहा कि भारत-कनाडा संबंधों में खटास का कारण कनाडा में अलगाववादी और चरमपंथी तत्वों को दी गई छूट है। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में बताया कि भारत ने कनाडा से इन तत्वों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग की है जो भारतीय नेताओं को धमकियां देते हैं और पूजा स्थलों का अपमान करते हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत और कनाडा (India-Canada Relations) के बीच हाल की कूटनीतिक तनातनी का कारण कनाडा में अलगाववादी और चरमपंथी तत्वों को दी गई छूट है। केंद्रीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार को यह बयान दिया। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह (Kirti Vardhan Singh) ने लोकसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में यह जानकारी दी।
विदेश मंत्रालय ने कनाडा सरकार द्वारा भारत पर लगाए गए आरोपों को भी खारिज कर दिया और उम्मीद जताई कि दोनों देश आपसी सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर संबंधों को फिर से स्थापित कर सकते हैं।
भारत ने कनाडा पर आरोप लगाए
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने कनाडा से लगातार अपील की है कि वह अपने देश में सक्रिय सभी एंटी-इंडिया तत्वों के खिलाफ तुरंत और प्रभावी कार्रवाई करे। इन तत्वों का नाम नेताओं की हत्याओं को महिमामंडित करना, भारतीय नेताओं और राजनयिकों को धमकियां देना और पूजा स्थलों का अपमान और तोड़फोड़ करना शामिल है।
केंद्रीय मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि भारत सरकार कनाडा सरकार के साथ मिलकर कनाडा में भारत विरोधी तत्वों की गतिविधियों के बारे में चिंताओं को दूर करने के लिए लगातार बातचीत कर रही है।
कनाडा का भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप
भारत सरकार ने यह भी आरोप लगाया कि कनाडा लगातार भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है, जिससे अवैध प्रवासन और संगठित आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल रहा है।
उन्होंने कनाडा सरकार द्वारा भारत पर लगाए गए आरोपों को नकारते हुए उम्मीद जताई कि दोनों देश आपसी सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर संबंधों को फिर से मजबूत करेंगे।
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