भारत-अफगानिस्तान ने मिलकर बनाई ये रणनीति, पाकिस्तान को नहीं मिलेगा पानी; क्या है प्लान?
भारत ने अफगानिस्तान में कुनार नदी पर बांध बनाने में तालिबान सरकार की मदद करने का संकेत दिया है, जिससे पाकिस्तान में चिंता है। तालिबान नेता ने 2025 तक बांध बनाने का आदेश दिया है, जिसका उद्देश्य पनबिजली उत्पादन और सिंचाई करना है। भारत ने पाकिस्तान पर अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है और अफगानिस्तान की संप्रभुता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।

कुनार नदी पर बांध बनाएगा अफगानिस्तान।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। भारत ने संकेत दिया है कि वह अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को कुनार नदी में बांध बनाने में मदद कर सकता है। हिंदू कुश पर्वत से निकलने वाली कुनार नदी अफगानिस्तान व पाकिस्तान के बीच बहती है, यह पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के लिए सिंचाई, पेयजल और जलविद्युत उत्पादन का प्रमुख स्त्रोत है। अब तालिबान ने इस पर बांध बनाने की बात छेड़ दी है जिससे पाकिस्तान ने सख्त प्रतिक्रिया जताई है।
दोनों देशों के बीच अभी जो विवाद चल रहा है उसमें तालिबान कुनार नदी में बांध बनाना एक प्रमुख कारण है। इस बारे में संकेत देने के साथ ही भारत ने फिर पाकिस्तान पर आरोप लगाया है कि वह अफगानिस्तान के अंदरुनी मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है। साथ ही भारत ने यह भी दोहराया है कि भारत अफगानिस्तान की संप्रभुता व आजादी के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
सिंधु के बाद कुनार नदी के पानी को तरसेगा पाकिस्तान?
ऑपरेशन सिंदूर से पहले सिंधु जल समझौता स्थगित कर भारत ने पहले ही संदेश दे दिया है कि नदी जल पर पहला हक भारत का है और वह इसका पूरा उपयोग करेगा। दूसरी तरफ अफगानिस्तान भी कुनार नदी के जल को लेकर अपनी मंशा जता चुका है। ऐसे में बांध बनाने में मदद देने को लेकर पूछे गये एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा है कि, “आप लोगों ने कुछ ही दिन पहले जारी किये गये भारत-अफगानिस्तान संयुक्त घोषणा पत्र को देखा होगा। भारत अफगानिस्तान को एक सतत जल प्रबंधन और पनबिजली परियोजनाओं में मदद करने को तैयार है। इस बारे में भारत काफी अरसे से सहयोग करता रहा है। हेरात प्रांत का सलमा डैम इसका उदाहरण है।''
अभी हाल ही में जब तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी भारत दौरे पर आये थे तब उन्हें अफगानिस्तान के नदियों पर बांध बनाने और आम नागरिकों को पेयजल उपलब्ध कराने की भारत ने घोषणा की थी। फिर जायसवाल से अफगानिस्तान व पाकिस्तान के बीच चल रहे विवाद के बारे में पूछा गया तो उनका जवाब था कि, “पाकिस्तान इसलिए आक्रोशित है कि अफगानिस्तान अपनी ही भूमि पर संप्रभुता इस्तेमाल कर रहा है। पाकिस्तान को लगता है कि उसे सीमा-पार आतंकवाद करने का अधिकार है और वह इसे बिना किसी दंड के कर सकता है। उसके पड़ोसी इसे अस्वीकार्य मानते हैं। भारत अफगानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है।''
तालिबान के सुप्रीम लीडर ने दिया बांध बनाने का आदेश
कुनार नदी में बांध बनाने की अफगानिस्तान की तैयारी को पाकिस्तान के कई विशेषज्ञों ने भारत सरकार व तालिबान सरकार की सोझी समझी साजिश करार दिया है। इसे पहलगाम हमले के बाद भारत की तरफ से सिंधु नदी पर बांध बनाने की तैयारी से जोड़ा जा रहा है।
तालिबान सरकार के सुप्रीम लीडर हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने 24 अक्टूबर 2025 को कुनार नदी पर बांध बनाने का आदेश दिया और इसे जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कहा है। इसका उद्देश्य लगभग 45 मेगावाट क्षमता का एक पनबिजली संयंत्र स्थापित करने, बाढ़ नियंत्रण और अफगानिस्तान की 1.5 लाख एकड़ कृषि भूमि की सिंचाई सुनिश्चित करना है।
अफगानिस्तान के ऊर्जा एवं जल मंत्री अब्दुल लतीफ मंसूर ने भी कहा कि पड़ोसी देश अफगानिस्तान के पानी पर दशकों से निर्भर हैं, लेकिन अब काबुल अपने संसाधनों का उपयोग करेगा। बहरहाल, यह विवाद पूरे दक्षिण एशिया में एक तरह से क्षेत्रीय जल युद्ध की तरफ संकेत कर रहा है।

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