India-US Military Exercise: भारत और अमेरिका मिलकर बढ़ाएंगे चीन की टेंशन? जानें क्या है प्लान
भारत और अमेरिका चीन की सीमा के पास युद्धाभ्यास करने जा रहे है। दोनों देशों के बीच उत्तराखंड के औली में अक्टूबर में युद्ध अभ्यास होगा। बीते कुछ सालों में भारत और अमेरिका के बीच कई समझौते भी हो सकते हैं।

नई दिल्ली, एजेंसी। भारत और चीन के बीच तनातनी जारी है। दोनों देशों में जारी तनातनी के बीच चीन की टेंशन बढ़ने वाली है। दरअसल, भारत और अमेरिका मिलकर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास युद्ध अभ्यास करने जा रहे हैं। ये सैन्य अभ्यास अक्टूबर में होगा।
रक्षा और सैन्य सूत्रों ने समाचार एजेंसी को बताया कि उत्तराखंड के औली में 14 से 31 अक्टूबर तक भारत और अमेरिका के बीच सैन्याभ्यास होगा। ये सैन्याभ्यास दोनों देशों के बीच 'युद्ध अभ्यास' का 18वां संस्करण है। सूत्रों ने बताया कि मेगा अभ्यास के लिए जटिल अभ्यासों की योजना बनाई जा रही है। बता दें कि पिछली बार अक्टूबर 2021 में अमेरिका के अलास्का में दोनों देशों के बीच सैन्याभ्यास हुआ था। इसका मकसद भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच समझ, सहयोग और सक्रियता को बढ़ाना है।
गौरतलब है कि बीते कुछ वर्षों में भारत और अमेरिका के बीचे रक्षा संबंध मजबूत हो रहे हैं। जून 2016 में अमेरिका ने भारत को 'प्रमुख रक्षा भागीदार' नामित किया था। अब पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ भारत के सीमा विवाद की पृष्ठभूमि में ये अभ्यास हो रहा है।
भारत और अमेरिका में हुए कई समझौते
भारत और अमेरिका के बीच बीते कुछ सालों में कई महत्वपूर्ण रक्षा और सुरक्षा समझौते हुए हैं। जिसमें 2016 में हुआ लॉजिस्टिक एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट शामिल है। इसके तहत दोनों देशों की सेना एक दूसरे के ठिकानों का इस्तेमाल हथियारों की मरम्मत और आपूर्ति के लिए कर सकते हैं।
इसके अलावा दोनों देशों में 2018 में COMCASA (संचार संगतता और सुरक्षा समझौते) पर भी हस्ताक्षर हुए। जो दोनों सेनाओं के बीच अंतर-संचालन प्रदान करता है। इसके तहत भारत अमेरिका से उच्च तकनीक खरीद सकेगा।
वहीं, अक्टूबर 2020 में भारत और अमेरिका ने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और बढ़ावा देने के लिए BECA (बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट) समझौते पर मुहर लगाई थी। ये समझौता दोनों देशों के बीच उच्च अंत सैन्य प्रौद्योगिकी, रसद और भू-स्थानिक मानचित्रों को साझा करता है।
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