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    ब्रिटेन के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर भारत ने बदली रणनीति, इन सामानों पर नहीं मिलेगी टैरिफ में छूट

    Updated: Wed, 07 May 2025 06:47 PM (IST)

    एक अधिकारी ने कहा कि भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते में ब्रिटेन के प्रस्तावित कार्बन कर का मुकाबला करने का कोई प्रविधान नहीं है। हालांकि अनिश्चितता एवं इसको लेकर कोई भी ब्रिटिश कानून नहीं होने से भारत ने भविष्य में इससे घरेलू निर्यात प्रभावित होने पर जवाबी कार्रवाई या रियायतों को पुनर्संतुलित करने के अपने अधिकार को सुरक्षित रखा है।

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    कई सामानों को एफटीए की सूची से बाहर रखा गया है (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    पीटीआई, नई दिल्ली। भारत मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत हीरा, चांदी, स्मार्टफोन और ऑप्टिकल फाइबर जैसे कई संवेदनशील औद्योगिक उत्पादों पर ब्रिटेन की कंपनियों को कोई शुल्क रियायत नहीं देगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी कहा कि ब्रिटेन से पेट्रोल और डीजल इंजन वाहन के आयात पर शुल्क रियायत पूर्व-निर्धारित कोटा तक सीमित है।

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    इसी तरह, सीमा शुल्क की रियायती दर पर ब्रिटिश इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के आयात का कोटा केवल कुछ हजार तक सीमित है। प्लास्टिक, हीरा, चांदी, बेस स्टेशन, स्मार्टफोन, टेलीविजन कैमरा ट्यूब, आप्टिकल फाइबर, आप्टिकल फाइबर बंडल और केबल जैसे संवेदनशील औद्योगिक सामान को एफटीए की सूची से बाहर रखा गया है।

    निर्यात को बढ़ावा मिलने की संभावना

    भारत, ब्रिटेन को इन वस्तुओं पर कोई आयात शुल्क लाभ नहीं देता है। वाहन क्षेत्र को खोलने के बारे में अधिकारी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर चौथे सबसे बड़े वाहन मैन्युफैक्चरर्स के तौर पर भारत के पास वाहन मूल्य श्रृंखला में वैश्विक अगुआ के रूप में उभरने की रणनीतिक क्षमता है।

    भारत के मजबूत विनिर्माण आधार के बावजूद, वैश्विक वाहन बाजार में इसकी हिस्सेदारी कम बनी हुई है, जो विस्तार की व्यापक संभावनाओं को दर्शाता है। आईसीई (आंतरिक दहन इंजन) यानी परंपरागत ईंधन के वाहनों के लिए ब्रिटेन के बाजार तक पहुंच से देश के वाहन और वाहन कलपुर्जों के निर्यात को बढ़ावा मिलने की संभावना है।

    ईवी के लिए भी हुआ फैसला

    • अधिकारी ने कहा, 'ईवी के लिए कोटा से बाहर शुल्क में कोई कमी नहीं की गई है। ईवी से जुड़ी संवेदनशीलता का ध्यान रखा गया है। आईसीई वाहनों पर कोटा से बाहर शुल्क को लंबे समय में धीरे-धीरे कम किया जाएगा, जिससे हमारे उद्योगों को ब्रिटेन से बढ़ने वाले आयात का मुकाबला करने के लिए वक्त मिल सके।'
    • ब्रिटेन सरकार ने 2027 से अपना 'कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म' (सीबीएएम) लागू करने का निर्णय दिसंबर 2023 में लिया था।

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