'ये ऐतिहासिक उपलब्धि है', भारत और ब्रिटेन के बीच FTA पर वार्ता संपन्न, मोदी-स्टार्मर ने की घोषणा
दुनियाभर में चल रहे ट्रेडवार के बीच भारत के लिए मंगलवार को एक अच्छी खबर सामने आई है। भारत और यूके ने अपना बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौता पूरा कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने समकक्ष कीर स्टारमर को बधाई देते हुए इसका ऐलान किया। दुनिया की पांचवी और छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के बीच लंबे समय से मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बातचीत चल रही थी।

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। तीन वर्षों की लगातार वार्ता के बाद भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को लेकर सभी प्रावधानों पर सहमति बन गई है। दोनों देशों के अधिकारियों के बीच पिछले कुछ दिनों से लंदन में बातचीत चल रही थी। मंगलवार को पीएम नरेन्द्र मोदी और ब्रिटेन के पीएम कीयर स्टार्मर के बीच टेलीफोन पर वार्ता हुई और उसके बाद इस बात की घोषणा स्वयं भारतीय प्रधानमंत्री ने की।
भारत ने ब्रिटेन के साथ एफटीए को लेकर वार्ता को संपन्न करने की घोषणा तब की है जब अमेरिका के साथ भी भारत सरकार के अधिकारियों का एक वरिष्ठ दल लगातार द्विपक्षीय कारोबार समझौते (बीटीए) को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ भी एफटीए करने को लेकर बातचीत काफी आगे बढ़ गई है। जबकि अगले हफ्ते पीएम मोदी क्रोसिया, नार्वे और नीदरलैंड जाने वाले हैं और उस दौरान भारत व नार्डिक देशों के साथ अलग से एक एफटीए की घोषणा होने की संभावना है।
पीएम मोदी की यह घोषणा थोड़ी अप्रत्याशित भी है क्योंकि लंदन में चल रही वार्ता से यह संकेत मिल रहे थे कि कुछ मुद्दों पर बातचीत अटक गई है।
पीएम मोदी और कीर स्टार्मर के बीच क्या हुई बात?
ब्रिटिश प्रधानमंत्री स्टार्मर से बात करने के बाद पीएम मोदी ने भारत और ब्रिटेन के बीच बनी सहमति को एतिहासिक मील का पत्थर करार दिया और कहा कि, “महत्कावांक्षी व दोनों के लिए समान रूप से फायदेमंद एफटीए के साथ ही दोहरे योगदान समझौते (डीसीसी) पर बातचीत सफलतापूर्वक संपन्न हो गई है। यह समझौता दोनों देशों के समग्र रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बननाएगा और नौकरियों, निवेश, विकास, कारोबार और दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं में अन्वेषण को बढ़ाने का काम करेगा। मैं जल्द ही भारत में पीएम स्टार्मर का स्वागत करने को उत्सुक हूं।''
इसका संकेत साफ है कि दोनों देशों के शीर्ष नेता जल्द ही एफटीए और डीसीसी को लेकर होने वाले समझौते पर मुहर लगाएंगे। इसके लिए ब्रिटेन के पीएम भारत आएंगे। डीसीसी दोनों देशों के बीच समाजिक सुरक्षा योगदान को लेकर किया जाने वाला समझौता होगा। इससे एक देश में कोई व्यक्ति समाजिक सुरक्षा में योगदान देता है तो उसे एक निश्चित समय सीमा पर दूसरे देश ले जाने का अधिकार होगा।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया संदेश में द्विपक्षीय निवेश समझौते को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है।भारत और ब्रिटेन के बीच जनवरी, 2022 से ही एफटीए को लेकर बातचीत जारी है लेकिन अभी जिस माहौल में इसको लेकर अंतिम सहमति बनी है वह भी महत्वपूर्ण है। पहलगाम हमले के बाद भारत व पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। अगर यह तनाव बढ़ता है तो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के स्थाई सदस्य के तौर पर ब्रिटेन की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
10-15 वर्ष पहले तक ब्रिटेन की कूटनीति काफी हद तक पाकिस्तान का पक्ष लेने वाला होता था लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। ब्रिटेन और भारत के बीच समग्र रणनीतिक साझेदारी है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी व अन्वेषण के मामले में भारत ब्रिटेन का सबसे करीबी साझेदारी है। एफटीए के बाद भारत व ब्रिटेन को एक दूसरे के हितों का और ज्यादा ख्याल रखना होगा।
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