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    चीन में सर्दी-जुकाम के बढ़ते मामलों को लेकर भारत सतर्क, कहा- इस मामले को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ संपर्क में

    स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चीन में सर्दी-जुकाम के कारण बड़ी संख्या में बच्चों के अस्पताल में भर्ती कराने की खबर आ रही है और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसको लेकर ¨चता भी जताई है। उन्होंने कहा कि अभी तक इस मामले के असामान्य मौतों की खबर नहीं आई है और न ही इसके बहुत ज्यादा संक्रामक की ठोस जानकारी मिली है।

    By Jagran NewsEdited By: Babli KumariUpdated: Fri, 24 Nov 2023 09:00 PM (IST)
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    चीन के दक्षिणी और उत्तरी प्रांतों में सर्दी-जुकाम के बढ़े मामले (प्रतिकात्मक फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चीन के दक्षिणी और उत्तरी प्रांतों में सर्दी-जुकाम के बढ़ते ताजा मामलों को लेकर भारत सतर्क हो गया है। वैसे तो चीन किसी नए वायरस और नए पैथोजेन के नहीं पाये जाने का दावा करते हुए इसके संक्रामक और घातक होने से इनकार कर रहा है। लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि वह वहां की स्थिति पर पूरी तरह से नजर रखे हुए है और इस मामले में विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ भी संपर्क में है।

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    स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चीन में सर्दी-जुकाम के कारण बड़ी संख्या में बच्चों के अस्पताल में भर्ती कराने की खबर आ रही है और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसको लेकर ¨चता भी जताई है। उन्होंने कहा कि अभी तक इस मामले के असामान्य मौतों की खबर नहीं आई है और न ही इसके बहुत ज्यादा संक्रामक की ठोस जानकारी मिली है।

    बढ़ रही है मरीजों की संख्या

    चीन के दावे पर भरोसा किया जाए, तो यह एनप्लुएंजा, एडिनोवायरस, माइक्रोप्लाज्मा जैसे सर्दी जुकाम फैलाने वाले सभी कारकों का मिला-जुला असर है और इसी कारण मरीजों की संख्या कुछ ज्यादा दिख रही है। लेकिन यह अस्पतालों से क्षमता से ज्यादा नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और समय आने पर उचित कदम उठाएंगे।

    'चीन के दावों पर पूरी तरह भरोसा करना संभव नहीं'

    वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कोविड महामारी बीमारी के शुरूआत में चीन ने जिस तरह से आंकड़ों को छुपाया और पूरी दुनिया को अंधेरे में रखा उससे उसके दावों पर पूरी तरह भरोसा करना संभव नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इसी कारण चीन से बार-बार रिपोर्ट तलब कर रहा है। ध्यान देने की बात है कि कोरोना वायरस के संक्रामक और घातक होने की जानकारी चीन को नवंबर 2019 में ही हो गई थी, लेकिन जनवरी तक दुनिया से छुपाए रखा।

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