OPERATION SINDOOR: पाकिस्तान में कैसे हुई एयरस्ट्राइक, किन हथियारों का हुआ इस्तेमाल? ऑपरेशन सिंदूर के 5 बड़े फैक्ट
लश्कर-ए-तैयबा के ज्ञात सोशल मीडिया हैंडल द्वारा उनके पुनर्पोस्टिंग खुद ही सब कुछ बयां करते हैं। पहलगाम हमले की विशेषताएं भारत में सीमा पार से आतंक फैलाने के पाकिस्तान के लंबे ट्रैक रिकॉर्ड से भी मेल खाती हैं और पाकिस्तान की दुनिया भर के आतंकवादियों के लिए एक पनाहगाह के रूप में कुख्यात है।

संजय मिश्र, जागरण। पहलगाम आतंकी हमले की जवाबी कार्रवाई में भारत ने ऑपेरशन सिंदूर को अंजाम देते हुए पाकिस्तान के पंजाब इलाके में करीब 100 किलोमीटर अंदर घुसकर तथा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओजेके) में मिसाइल से हमला करते हुए नौ आतंकवादी ठिकानों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया।
भारतीय सेना और वायुसेना ने इस जबरदस्त सटीक संयुक्त ऑपरेशन में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालयों पर धावा बोलकर उन्हें ध्वस्त किया, जिन्हें पाकिस्तान के सबसे बड़े आतंकी सरगना हाफिज सईद और मसूद अजहर का अभेद्य किला माना जाता था।
25 मिनट में काम तमाम
ऑपरेशन सिंदूर में बुधवार रात 1.05 बजे से 1.30 के बीच भारतीय सेनाओं ने 25 मिनट के भीतर बिल्कुल लक्ष्य को भेदने वाले 24 अति आधुनिक विशिष्ट तकनीक वाले मिसाइलें पाकिस्तान और पीओजेके में दागते हुए अपने लक्ष्य को पूरा किया।
इस सैन्य ऑपरेशन के लिए इस्तेमाल हथियारों तथा मिसाइलों का आधिकारिक ब्यौरा साझा नहीं कया गया है, मगर बताया जाता है कि स्कैल्प डीप-स्ट्राइक क्रूज मिसाइलें, हैमर स्मार्ट हथियार प्रणाली, निर्देशित बम किट और एक्सकैलिबर गोला-बारूद दागने वाले एम-777 हॉवित्जर जैसे हथियार इसमें शामिल थे।
ऑपरेशन सिंदूर का पूरा ब्यौरा
- अचानक हतप्रभ करने वाली भारत की जवाबी सैन्य कार्रवाई में दर्जनों आतंकियों और उनके करीबियों के मारे जाने की पुष्टि खुद पाकिस्तान ने की है। भारत की यह सैन्य कार्रवाई बेशक ऊरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक तथा पुलवामा हमले के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक की तुलना में सामरिक रूप से कहीं ज्यादा इसलिए बड़ी है कि पाकिस्तान को यह साफ संदेश है कि आतंकवाद का पाकिस्तान का घिनौना खेल भारत किसी रूप में अब बर्दाश्त नहीं करने वाला।
- पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को अंजाम देने के बाद बुधवार सुबह साढ़े दस बजे भारतीय सेना की दो महिला अफसरों सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी तथा वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ प्रेस कांफ्रेंस में ऑपरेशन सिंदूर का पूरा ब्यौरा साझा किया।
- कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में रात 1.05 बजे से 1.30 बजे के बीच लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद के मुख्यालयों समेत भारत में आंतकवाद फैलाने में शामिल अन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया। विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा कि इस ऑपेरशन में सटीक क्षमता और विशिष्ट प्रौद्योगिकी हथियारों के युद्धक हथियारों का सावधानीपूर्वक चयन किया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कार्रवाई पूरी तरह तय लक्ष्य पर ही हो।
पहले टारगेट का हुआ चयन
सभी नौ लक्ष्यों में विशिष्ट इमारत या इमारतों का समूह शामिल था और इन्हें पूरी तरह भेदते हुए ध्वस्त या निष्प्रभावी कर दिया गया। इस दौरान किसी भी सैन्य या असैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया और भारत ने अपनी प्रतिक्रिया में काफी संयम दिखाया है। बौखलाए पाकिस्तान की भारत को दी गई युद्ध की धमकी का किसी तरह उल्लेख किए बिना विंग कमांडर सिंह ने कहा कि अगर वर्तमान स्थिति को बढ़ाने की अगर कोई कोशिश हुई तो भारतीय सेनाएं ऐसे किसी दुस्साहस का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
पाकिस्तान तथा पीओजेके में नौ आतंकी ठिकानों पर हमले का ब्यौरा देते हुए कर्नल सोफिया कुरैशी ने कुछ वीडियो तथा सेटेलाइट इमेज साझा किया और कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के लिए लक्ष्य विश्वसनीय खुफिया सूचनाओं और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में इन ठिकानों की भूमिका को देखते हुए लक्षित किया गया। नागरिक बुनियादी ढांचे और किसी भी नागरिक की जान को नुकसान पहुंचाने से बचने के लिए इन ठिकानों का चयन काफी मेहनत से किया गया।
हाफिज सईद के ठिकाने तबाह
- पाकिस्तान के भीतर घुसकर जिन चार आतंकी ठिकानों को भारत के मिसाइल हमले ने ध्वस्त किया उसमें सियालकोट का सरजल कैंप अंतर्राष्ट्रीय सीमा से छह किमी दूर तो सियालकोट का ही मेहमूना जोया कैंप 11 किमी दूर है। जबकि मुरीदके का मरकज तयबा 25 किमी दूर है और यह हाफिज सईद के आतंकी संगठन लश्करे तोयबा का मुख्यालय था और यहीं मुंबई आतंकी हमले के दोषी अजमल कसाब और डेविड कोलमैन हेडली को ट्रेनिंग दी गई थी।
- जबकि अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 100 किमी दूर पाकिस्तान के भीतर बहावलपुर का मरकज सुभान आतंकी संगठन जैश का मुख्यालय था जहां इसका सरगना मसूद अजहर अक्सर आता-जाता रहा है। पाक अधिकृत कश्मीर के जिन पांच आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया गया उसमें मुजफ्फराबाद का सवाई नाला कैंप एलओसी से 30 किमी दूर है और यहीं पहलगाम तथा जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों पर हाल में हुए हमलों से जुड़े एलईटी का ट्रेनिंग कैंप है।
- मुजफ्फराबाद के ही सइदना बिलाल कैंप को भी निशाने में ध्वस्त किया जहां आतंकियों को जंगल वारफेयर जैसी ट्रेनिंग दी जाती थी। पीओजोके में ऑपरेशन सिंदूर का तीसरा लक्ष्य कोटली का गुलपुर कैंप रहा जो एलओसी से 30 किमी दूर है और पूंछ-राजौरी में नौ जून 2024 को तीर्थ यात्रियों पर हमले के आतंकियों को यहीं प्रशिक्षित किया गया था।
आतंकियों का ट्रेनिंग कैंप तबाह
कर्नल कुरैशी ने कहा कि मुंबई के 26/11 हमले का मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी अक्सर गुलपुर कैंप में आकर आतंकियों का ब्रेन वाश करता रहा है। पाकिस्तान के खिलाफ भारत की सैन्य कार्रवाई को बिल्कुल सही ठहराते हुए कर्नल कुरैशी ने कहा कि तीन दशक से पाकिस्तान ने अपने यहां आतंकी बुनियादी ढांचे जटिल जाल निर्मित किया है जिसमें नेटवर्क में भर्ती केंद्र, वैचारिक प्रशिक्षण केंद्र, प्रशिक्षण शिविर और ऑपरेशनल लांच पैड शामिल हैं।
पाकिस्तान और पीओजेके में आतंकी का यह ढांचा फैला हुआ जो भारत में हमलों को लगातार अंजाम देता रहा है और इनके नोड्स को निशाना बनाने का मकसद साफ है कि वहां के आंतकी संगठनों की क्षमता को पंगु बनाना भारत का लक्ष्य है। विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले की जांच से पाकिस्तान में और वहां से भेजे गए आतंकवादियों के संचार नोट्स सामने आए हैं।
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