ऑपरेशन सिंदूर के बाद क्या होगा भारत का अगला कदम, पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी; डोभाल ने बना लिया ये प्लान
ऑपरेशन सिंदूर पर चीन की भी प्रतिक्रिया आई है जिसमें वह अपने मित्र देश पाकिस्तान की तरफ ही झुका हुआ दिख रहा है। चीन ने भारत की सैन्य कार्रवाई पर दुख प्रकट किया है और दोनों देशों को संयम दिखाते हुए हालात को और खराब नहीं करने की सलाह दी है। चीन ने अपने नागरिकों को भारत व पाकिस्तान की यात्रा करने से मना किया है।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर को सफलतापूर्वक अंजाम देने के कुछ ही घंटों बाद भारत की कूटनीति तेज हो गई। पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एनएसए ने जहां संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांचों स्थाई सदस्यों (अमेरिका, चीन, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस) के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों से टेलीफोन पर बात कर भारत का पक्ष रखा।
वहीं शाम को चार बजे विदेश मंत्रालय के साउथ ब्लॉक स्थित कार्यालय में यूएनएससी के पांचों स्थाई सदस्यों और नौ अस्थाई सदस्यों के भारतीय राजदूतों को बुला कर ऑपरेशन सिंदूर के पीछे की वजहों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। विदेश मंत्री एस जयशंकर और एनएसए डोभाल ने कई देशों में स्थित अपने समकक्षों से बात की।
पाकिस्तान को मिला करारा जवाब
भारत का रूख साफ है कि उसने सीमा पार आतंकवाद पर जीरो-टोलेरेंस की नीति के तहत अपनी आत्मरक्षा में यह जवाबी कार्रवाई की है लेकिन अब उसकी मंशा तनाव को आगे बढ़ाने की नहीं है। हालांकि अगर पाकिस्तान कुछ करता है तो भारत उसका जवाब देने को भी पूरी तरह से तैयार है। यह बात भारत ने चीन को खास तौर पर बताई है।
उधर, बुधवार को जैसे-जैसे दुनिया भर में भारत की तरफ से पहलगाम हमले का बदला लेने के बाद पाकिस्तान के भीतर हमला करने की सूचना पहुंची, अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आने लगी। सबसे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्हें भारत की कार्रवाई की सूचना मिली है और उम्मीद है कि जल्द ही दोनों देशों के बीच शांति स्थापित होगी।
डोभाल ने ट्रंप के मंत्री से की बात
- ट्रंप के उक्त बयान के कुछ ही देर बाद एनएसए डोभाल ने अमेरिका के विदेश मंत्री व कार्यवाहक एनएसए मार्को रूबियो से बात की। रूबियो ने भी कहा कि उनकी नजर पूरे हालात पर है। मैं भारत व पाकिस्तान से आग्रह करता हूं कि वह संवाद जारी करें और तनाव को खत्म करें।
- ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, यूएई, सउदी अरब, ब्रिटेन, रूस जैसे तमाम देशों ने दक्षिण एशिया के इन दो परमाणु हथियार संपन्न देशों के बीच के बढ़ रहे सैन्य तनाव पर गहरी चिंता जताई है और भारत व पाकिस्तान से कहा है कि वह अब कोई ऐसा कदम नहीं उठाएं जिससे हालात और खराब हो।
- विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में जो बात कही, उसी आधार पर ही सभी देशों को बताया गया है। भारत ने सोच समझ कर, सटीक तरीके से आतंकी शिवरों पर हमला किया है लेकिन अब मौजूदा तनाव की स्थिति को और खराब नहीं करना चाहिए।
तुर्कीए दे रहा रोते पाकिस्तान को कंधा
अब आगे भारत की कार्रवाई पूरी तरह से पाकिस्तान की प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगा। एनएसए ने यह बात चीन के विदेश मंत्री व एनएसए वांग यी को भी कही। डोभाल ने कहा कि, 'भारत की इच्छा मामले को बिगाड़ने का नहीं है लेकिन अगर पाकिस्तान बिगाड़ता है तो भारत जवाब देने को भी पूरी तरह से तैयार है।'
चीन एकमात्र ऐसा देश है जिसके विदेश मंत्री या राष्ट्रपति के साथ भारत का कोई संवाद नहीं हुआ है। 22 अप्रैल की घटना के बाद पीएम मोदी ने यूएनससी के पांच स्थाई सदस्यों में से चार सदस्यों के राष्ट्र प्रमुखों से और विदेश मंत्री ने 10 अस्थाई सदस्यों में से नौ के विदेश मंत्रियों से बात की है। उधर, पाकिस्तान को तुर्कीए ने भी पूरा समर्थन दिया है। तुर्कीए ने भारत के हमले की निंदा की है और इसे उकसावे की घटना बताया है।
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