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    वर्तमान समय में वैश्विक मान्यता केवल सत्य से नहीं, शक्ति से होती है निर्धारित- भागवत

    Updated: Sat, 13 Dec 2025 10:31 PM (IST)

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने हिंदू समाज से स्वामी विवेकानंद के संदेश से प्रेरणा लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि वैश्विक म ...और पढ़ें

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    वर्तमान समय में वैश्विक मान्यता केवल सत्य से नहीं, शक्ति से होती है निर्धारित- भागवत (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भगवत ने शनिवार को ¨हदू समाज से स्वामी विवेकानंद के उस संदेश से प्रेरणा लेने का आग्रह किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रत्येक राष्ट्र का एक मिशन होता है, जिसे पूरा करना होता है और एक नियति होती है जिसे प्राप्त करना होता है।

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    अंडमान और निकोबार में विराट हिंदू सम्मेलन समिति द्वारा आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में वैश्विक मान्यता केवल सत्य से नहीं, बल्कि शक्ति से निर्धारित होती है। विश्व सत्य को नहीं, शक्ति को देखता है। जिसके पास शक्ति है, उसे मानता है।

    एक मजबूत समाज के निर्माण और राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए एकता आवश्यक है।कहा कि यदि हिंदू जागृत होंगे तो विश्व जागृत होगा। विश्व को विश्वास है कि भारत ही मार्ग दिखाएगा। समस्याओं पर समय बर्बाद करने के स्थान पर हमें समाधान खोजना चाहिए। किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए शक्ति की आवश्यकता होती है। शक्ति केवल एकता से ही आती है।

    मोहन भागवत ने क्या कहा?

    भागवत ने कहा कि टकराव हमेशा समाधान नहीं होता। अर्जुन और सत्यकी ने राक्षस से लड़ने की कोशिश की, लेकिन हर वार के साथ वह और बड़ा होता गया। कृष्ण ने हस्तक्षेप किया। टकराव से बचते हुए सूझबूझ से बिना लड़ाई के ही उसे वश में कर लिया। इससे यह सीख मिलती है कि हर समस्या के लिए बल प्रयोग की आवश्यकता नहीं होती।

    आरएसएस प्रमुख ने कहा कि एक मजबूत और स्वस्थ समाज के निर्माण के प्रयास घर से ही शुरू होने चाहिए। अपने मोहल्ले में दोस्त बनाएं, परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताएं। विशेष अवसरों पर पारंपरिक पोशाक पहनने और परिवार के साथ मिलकर भोजन करने पर गर्व करें।

    अपनी संस्कृति से प्रेम करना महत्वपूर्ण है। भागवत ने कहा कि यह तय करने का समय है कि हम अपने घरों में स्वामी विवेकानंद की तस्वीर रखना चाहते हैं या माइकल जैक्सन की। देशभक्ति एक नागरिक कर्तव्य है।

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