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    आईआईटी मद्रास ने शुरू किए दो नए बीटेक कोर्स, इसी सत्र से मिलेगा दाखिला

    Updated: Thu, 22 May 2025 04:56 PM (IST)

    आईआईटी मद्रास ने दो नए बीटेक कोर्स शुरू किए हैं - कंप्यूटेशनल इंजीनियरिंग और मैकेनिक्स (सीईएम) और इंस्ट्रूमेंटेशन और बायोमेडिकल इंजीनियरिंग (आईबीएमई)। प्रत्येक प्रोग्राम में 40 सीटें हैं और दाखिला जेईई एडवांस के माध्यम से होगा। इन कोर्सों का उद्देश्य छात्रों को वर्तमान समस्याओं का समाधान करने और उन्हें उभरते क्षेत्रों में करियर बनाने के लिए तैयार करना है।

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    IIT Madras में छात्रों को मिलेगा आधुनिक तकनीक का ज्ञान। (फाइल फोटो)

    अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। तेजी बदलती प्रौद्योगिकी और बाजार की मांग को देखते हुए आईआईटी मद्रास ने दो और नए बीटेक प्रोग्राम शुरू किए है। जिसमें इसी शैक्षणिक सत्र से छात्रों को दाखिला मिलेगा। प्रत्येक प्रोग्राम के लिए 40- 40 सीटें सृजित की गई है।

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    इस दौरान पहले प्रोग्राम का नाम बीटेक इन कंप्यूटेशनल इंजीनियरिंग और मैकेनिक्स (सीईएम) और बीटेक इन इंस्ट्रूमेंटेशन और बायोमेडिकल इंजीनियरिंग (आइबीएमई) है। इस दोनों ही प्रोग्राम में दाखिला जेईई एडवांस के जरिए ही मिलेगा।

    छात्रों की मौजूदा समस्याओं का होगा समाधान

    आईआईटी मद्रास ने नए शैक्षणिक सत्र के लिए दाखिला शुरू होने से पहले इन दोनों नए बीटेक कोर्सों को शुरू करने का ऐलान किया है। आईआईटी मद्रास के मुताबिक ये प्रोग्राम छात्रों को मौजूदा समस्याओं का समाधान देने में सक्षम बनाएगा।

    • इसमें इंजीनियरिंग के साथ मैकेनिक्स व बायोमेडिकल इंस्ट्रूमेंटेशन में कम्प्यूटेशनल इंटेलिजेंस का तालमेल होगा। ये प्रोग्राम एप्लाइड मैकेनिक्स और बायोमेडिकल इंजीनियरिंग विभाग के माध्यम से शुरू किए जा रहे हैं।
    • यह विभाग 1959 में आईआईटी मद्रास की स्थापना के समय से विभिन्न विषयों के तालमेल से अनुसंधान में सबसे आगे रहा है। दोनों प्रोग्राम के छात्र अपने प्रोग्राम को पांच वर्षीय डुअल डिग्री (बीटेक-एमटेक) में अपग्रेड कर सकते हैं।
    • यह इंटरडिसिप्लिनरी डुअल डिग्री (आईडीडीडी) प्रोग्रामों के माध्यम से संभव होगा।
    • आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. वी. कामकोटि ने कहा कि ‘हम प्रौद्योगिकी परिवर्तन के तेज दौर में हैं। दोनों ही नए प्रोग्राम शिक्षा और उद्योग जगत के बीच तालमेल को और मजबूती देगा। ये उद्योग के साथ स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी और अत्याधुनिक विनिर्माण की सभी नवीन अवधारणाओं का समाधान देने में सक्षम होंगे।’

    दोनों ही बीटेक कोर्स की खासियत

    बीटेक इन सीईएम ( चार वर्षीय कोर्स): यह प्रोग्राम छात्रों को भावी डिजिटल इंजीनियरिंग में अच्छा करियर बनाने के लिए तैयार करेगा। इसमें भौतिक प्रणालियों का कम्प्यूटेशनल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ तालमेल होगा। इसमें मशीन लर्निंग, डेटा साइंस और हाई- परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग सहित अत्याधुनिक कम्प्यूटेशनल विधियों को एकीकृत किया जाता है।

    साथ ही ठोस और द्रव यांत्रिकी, कोर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (सर्किट, सिग्नल और एम्बेडेड सिस्टम), सामग्री विज्ञान व गतिशीलता का आधारभूत प्रशिक्षण भी दिया जाता है। इस कोर्स को करने के बाद छात्र एयरोस्पेस, रोबोटिक्स, ऑटोमोटिव, विनिर्मान, डिजिटल ट्विन डिजाइन, स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, स्थायी ऊर्जा और साथ ही सस्टेनेबल कंप्यूटिंग जैसे उभरते क्षेत्रों में अपने कैरियर को निखार सकेंगे।

    बीटेक इन आइबीएमई (चार वर्षीय)

    इस कोर्स को देश में तेजी से बढ़ते चिकित्सा उपकरण क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए शुरू किया गया है। इनमें छात्रों को इलेक्ट्रिकल व इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग में मजबूत नींव के साथ-साथ कोर बायोमेडिकल इंजीनियरिंग जोड़ कर नेक्सट-जेन मेडिकल डिवाइस विकसित करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

    ये सभी बायोमेडिकल इंजीनियरिंग पर केंद्रित होंगे। इस कोर्स को करने वाले छात्र चिकित्सा उद्योग उपकरण उद्योग, रिहैबिलिटेशन की तकनीक और एआई से संचालित स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों में अपने कैरियर बना सकते है।