IFFI: फिल्म फेस्टिवल में दिव्यागों के लिए फिल्म मेकिंग कोर्स, 20 से करीब प्रतिभागियों ने करवाया रजिस्ट्रेशन
दैनिक जागरण से बातचीत में पणजी से दूर मंगेशी से आए दिव्यांग प्रतिभागी डिसूजा ने बताया कि पहले वह इसको लेकर उत्साहित नहीं थे लेकिन यहां आकर न केवल उन्हें फिल्ममेकिंग के बारे में जानकारी मिली बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा।

अनंत विजय, पणजी: फिल्म फेस्टिवल का नाम सुनते ही सबसे पहले जो छवि उभरती है वो ये कि कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय फिल्म देखने और अपने प्रिय सितारों से संवाद का अवसर। लेकिन स्वाधीनता के अमृतकाल में आयोजित अंतराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल आफ इंडिया (ईफी) में फिल्मों के प्रदर्शन और फिल्म मेकिंग को लेकर संवाद से अलग एक पहल हुई है। यह पहल है दिव्यांगों के लिए फिल्म मे¨कग कोर्स का। 21 से 27 नवंबर तक आयोजित इस कोर्स का संचालन भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (एफटीआइआइ) पुणे के सहयोग से किया जा रहा है।
बीस के करीब दिव्यांग प्रतिभागियों ने करवाया रजिस्ट्रेशन
आयोजकों ने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि इस कोर्स के लिए कम रजिस्ट्रेशन हुआ था। इसके बाद गोवा डिसेबिलिटी कमीशन से संपर्क करके सभी दिव्यागों तक इस कोर्स के बारे में बात पहुंचाई गई। परिणाम यह हुआ कि गोवा के अलग अलग हिस्सों से दिव्यांगो ने इस कार्यक्रम में रुचि दिखाई और बीस के करीब प्रतिभागियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया। जो सरकारी कर्मचारी थे उनको सरकार ने इस कोर्स में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित भी किया और उनकी हर संभव मदद भी की।
प्रतिभागियों को फिल्ममेकिंग को लेकर मिली काफी जानकारी
दैनिक जागरण से बातचीत में पणजी से दूर मंगेशी से आए दिव्यांग प्रतिभागी डिसूजा ने बताया कि पहले वह इसको लेकर उत्साहित नहीं थे लेकिन यहां आकर न केवल उन्हें फिल्ममेकिंग के बारे में जानकारी मिली बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा। महिला प्रतिभागी अनूपा भी इस कोर्स का हिस्सा बनकर उत्साहित थीं। उनके मुताबिक फिल्म फेस्टिवल के बारे में बहुत सुनती थीं, लेकिन कभी सोचा भी नहीं था कि एक दिन वह भी इस फेस्टिवल का हिस्सा बन पाएंगी।
उन्होंने बताया कि ऐसे आयोजनों में दिव्यांगों के लिए सुविधा नहीं होने के कारण शामिल होना संभव नहीं हो पाता था लेकिन ईफी के इस कोर्स में हमारी सुविधाओं का ध्यान रखा गया है, जिसकी वजह से न केवल हम फिल्म मे¨कग का कोर्स कर पा रहे हैं बल्कि ऐसा महसूस हो रहा है कि हम भी इस समाज के हिस्सा हैं।
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