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    अगर उपराष्ट्रपति कार्यकाल के बीच में ही छोड़ दें पद तो कैसे होता है अगले का चुनाव, बाकी चुनावों से कैसे अलग? जानिए पूरा प्रोसेस

    Updated: Wed, 23 Jul 2025 04:21 PM (IST)

    उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को इस्तीफा दे दिया जिससे यह पद खाली हो गया। वह कार्यकाल पूरा होने से पहले इस्तीफा देने वाले तीसरे उपराष्ट्रपति हैं। संविधान के अनुसार नए उपराष्ट्रपति का चुनाव 60 दिनों के भीतर कराना होगा। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह फिलहाल जिम्मेदारी संभालेंगे।

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    कैसे होता है उपराष्ट्रपति पद का चुनाव? (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जगदीप धनखड़ ने सोमवार (21 जुलाई, 2025) को देर रात उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया। वे भारत के इतिहास में अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले इस्तीफा देने वाले तीसरे उपराष्ट्रपति हैं। इससे पहले वी.वी गिरी और आर. वेंकटरमन ने भी कार्यकाल के बीच में इस्तीफा दिया था। चूंकि धनखड़ का कार्यकाल 2027 तक था तो देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद अभी खाली है।

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    ऐसे में कई सवाल उठ रहे हैं कि अभी उपराष्टपति की जिम्मेदारी कौन संभालेगा? अगला उपराष्ट्रपति कैसे और कितने समय के लिए चुना जाएगा? कौन-कौन उम्मीदवारी कर सकता है? इसी तरह के तमाम सवाल हैं, जिनके जवाब जानने की कोशिश करेंगे। तो आइए जानते हैं क्या है प्रोसेस...

    कौन निभाएगा उपराष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी?

    संविधान में कार्यवाहक उपराष्ट्रपति का प्रवाधान नहीं है। हालांकि, उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं तो ऐसे में उपसभापति उनकी गैरमौजूदगी में ये जिम्मेदारी संभालेंगे। फिलहाल उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह हैं तो ऐसे में सदन उनकी निगरानी में चलेगा।

    कब होगा उपराष्ट्रपति पद का चुनाव?

    संविधान के मुताबिक, राष्ट्रपति पद के लिए 6 महीने के अंदर चुनाव कराना होता है, तो वहीं उपराष्ट्रपति पद 60 दिनों के भीतर भरना होता है। यहां जान लेना जरूरी है कि अगर उपराष्ट्रपति अपना कार्यकाल पूरा कर लेता है, ऐसे समय में 60 दिनों की डेडलाइन है और अगर बीच में इस्तीफा दिया जाता है तो उसकी कोई समय सीमा तय नहीं की गई है। चुनाव की घोषणा चुनाव आयोग करता है।

    यह चुनाव राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952 के तहत आयोजित किया जाता है। परंपरा के मुताबिक, संसद के किसी भी सदन के महासचिव को बारी-बारी से निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया जाता है।

    कितने वक्त तक नए उपराष्ट्रपति पद पर बने रहेंगे?

    यहां पर ऐसा नहीं है कि अगर किसी उपराष्ट्रपति ने अपने टर्म के बीच में इस्तीफा दे दिया तो सिर्फ वो कार्यकाल पूरा करने के लिए चुनाव होगा। उपराष्ट्रपति पद का जब भी चुनाव होता है तो वो उसके पूरे कार्यकाल के लिए होता है। जिस दिन से वो अपना पद संभालेंगे, तब से वो अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे।

    कैसे होता है उपराष्ट्रपति पद का चुनाव?

    उपराष्ट्रपति पद का चुनाव संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के सदस्यों और मनोनीत सदस्यों से मिलकर बने एक निर्वाचक मंडल करता है। इसमें राज्य विधानमंडल हिस्सा नहीं लेता है, जबकि राष्ट्रपति चुनाव में ये हिस्सा लेता है।

    कहां होती है वोटिंग?

    इसकी वोटिंग नई दिल्ली की संसद भवन में होती है।

    कैसे होती है वोटिंग?

    • उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए वोटिंग बेहद गोपनीय होती है और आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के मुताबिक, एकल संक्रमणीय मत से होती है।
    • हर एक सांसद उम्मीदवारों को वरीयता क्रम में रखकर वोटिंग करता है। सभी वोटों की वैल्यू समान होती है।
    • निर्वाचित घोषित होने के लिए, किसी उम्मीदवार को न्यूनतम जरूरी संख्या में वोट हासिल करने होते हैं, जिसे कोटा भी कहा जाता है।
    • इसकी गणना कुल वैध वोटों की संख्या को दो से विभाजित करके और एक जोड़कर की जाती है।
    • अगर पहले दौर में कोई उम्मीदवार कोटा पार नहीं कर पाता है तो सबसे कम वोट पाने वाले उम्मीदवार को बाहर कर दिया जाता है और उसके वोट दूसरी वरीयता के आधार पर बाकी उम्मीदवारों को ट्रांसफर कर दिए जाते हैं। यह प्रक्रिया तब तक जारी रहती है, जब तक कि एक उम्मीदवार कोटा क्रॉस नहीं कर लेता।

    उम्मीदवारों के लिए क्या है पात्रता मानदंड?

    1. उपराष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार भारत का नागरिक होना चाहिए।
    2. कम से कम उसकी उम्र 35 साल होनी चाहिए।
    3. राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने के योग्य होना चाहिए।
    4. किसी भी संसदीय क्षेत्र में निर्वाचक के रूप में पंजीकृत होना चाहिए।
    5. इसके अलावा, उम्मीदवार केंद्र या राज्य सरकार के अधीन किसी भी लाभ के पद पर नहीं होना चाहिए।

    बैलेट बॉक्स से होता है चुनाव

    उपराष्ट्रपति पद का चुनाव सीक्रेट बैलेट बॉक्स से होता है। वोटिंग के बाद काउंटिंग होती है और उसी दिन नतीजे घोषित कर दिए जाते हैं। इस चुनाव में रिटर्निंग ऑफिसर की भूमिका लोकसभा के महासचिव निभाते हैं।

    राज्यसभा और लोकसभा का गणित

    उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में वोटिंग दोनों सदनों के लिए मनोनीत सदस्य भी कर सकते हैं। इस तरह से देखा जाए तो इस चुनाव के लिए दोनों सदनों के 790 निर्वाचक हिस्सा लेंगे। राज्यसभा में चुने हुए सदस्य 233 हैं और मनोनीत सदस्य 12। लोकसभा की अगर बात करें तो चुने हुए सदस्य 543 और मनोनीत सदस्य 2। 

    ऐसा होगा वोटों का समीकरण

    लोकसभा में मौजूदा सांसद 542 हैं तो राज्यसभा में 240 यानि कि कुल वोट 782 हुए। बहुमत 392 का होगा। एनडीए के पास 425 सांसद हैं (लोकसभा में 293 और राज्यसभा में 134), इसमें 10 मनोनीत सदस्य भी हैं। विपक्ष के पास दोनों सदनों में 355 सांसद हैं (लोकसभा में 249 और राज्यसभा में 106)।

    Source:

    • भारत के उपराष्ट्रपति की आधिकारिक वेबसाइट:
    • https://vicepresidentofindia.nic.in/hi
    • उपराष्ट्रपति का निवार्चन:
    • https://vicepresidentofindia.nic.in/hi/election-vice-president

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