'...तो मैं सीएम बना रहूंगा', कर्नाटक कांग्रेस में खुलकर आई अंतर्कलह, क्या बोले सिद्दरमैया?
कर्नाटक कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर सिद्दरमैया और डीके शिवकुमार के बीच खींचतान खुलकर सामने आ गई है। सिद्दरमैया ने कहा कि वे आलाकमान का फैसला मानेंगे, चाहे उन्हें मुख्यमंत्री बने रहना पड़े या नहीं। जेडीएस ने खरगे के बयान पर चुटकी लेते हुए उन्हें 'रबर-स्टैम्प प्रेसिडेंट' बताया।

कर्नाटक सीएम सिद्दरमैया। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक कांग्रेस में अंतर्कलह अब खुलकर सामने आ गया है। मुख्यमंत्री पद के लिए सिद्दरमैया और डीके शिवकुमार के बीच की लड़ाई तेज हो गई है। नेतृत्व विवाद के बीच सीएम पद के लिए बातचीत करने के उद्देश्य से दोनों नेताओं का समर्थन करने वाले विधायक दिल्ली पहुंच रहे हैं।
इस दौरान मौजूदा मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने सोमवार को कहा कि अगर पार्टी आलाकमान फैसला करता है तो वह इस शीर्ष पद पर बने रहेंगे और उनके फैसले को स्वीकार करेंगे। सिद्दरमैया का यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि क्योंकि हाल ही में उन्होंने कहा था कि वह पूरे पांच साल के लिए सीएम रहेंगे और शेष कार्यकाल में बजट पेश करेंगे।
'आलाकमान लेगा फैसला'
उन्होंने शनिवार रात बेंगलुरु में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की थी और लंबी बातचीत की थी। सोमवार को उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा कि नेतृत्व में बदलाव पर आखिरी फैसला आलाकमान का होता है, और इसे उन्हें तथा उनके डिप्टी (उप मुख्यमंत्री शिवकुमार) को भी मानना चाहिए।
सीएम ने कहा, ''हम हाईकमान का फैसला मानेंगे। अगर वे तय करते हैं कि मुझे (सीएम के तौर पर) बने रहना चाहिए तो मैं बना रहूंगा। आखिर में आलाकमान जो भी फैसला करेगा, मुझे उसे मानना चाहिए। शिवकुमार को भी उसे मानना चाहिए।''
जेडीएस ने ली चुटकी
राज्य में कथित नेतृत्व की खींचतान को लेकर मल्लिकार्जुन खरगे के इस बयान पर कि आलाकमान फैसला लेगा, जनता दल (सेकुलर) ने सोमवार को चुटकी लेते हुए कहा कि उनके पास पार्टी चलाने का कोई अधिकार नहीं है और वह 'रबर-स्टैम्प प्रेसिडेंट' हैं। इसने कांग्रेस पार्टी के अंदर की चापलूसी को भी सामने ला दिया है।

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