कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड आदर्श हल, बोर्ड में होंगे दोनों राज्यों के प्रतिनिधि
कावेरी नदी जल विवाद को सुलझाने के लिए कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड (सीडब्लूएमबी) ही आदर्श समाधान है। इस बोर्ड में दोनों राज्यों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
नई दिल्ली, आइएएनएस/प्रेट्र। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्लूसी) के अध्यक्ष जीएस झा का कहना है कि कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच चल रहे मौजूदा कावेरी नदी जल विवाद को सुलझाने के लिए कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड (सीडब्लूएमबी) ही आदर्श समाधान है। इस बोर्ड में दोनों राज्यों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
झा ने एसोचैम के एक कार्यक्रम के दौरान बुधवार को कहा कि कर्नाटक और तमिलनाडु के प्रतिनिधियों को मिलाकर चार हफ्ते में कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड (सीडब्लूएमबी) गठन हो जाएगा। हम सुरक्षा की बात तब तक नहीं कर सकते जब तक आवश्यकतानुसार जल संचय और जल छोड़ने का उपयुक्त प्रबंध न कर लिया जाए।
उन्होंने किसानों का पक्ष लेते हुए कहा कि उन्हें भी जल क्षेत्र से जुड़े निवेशों का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इससे मिलने वाले लाभ को इस तरह परिभाषित करना होगा कि हरेक किसान को उसके खेतों के लिए पानी तो मिले ही, उससे होना वाला सीधा लाभ भी उन सब तक पहुंचे। ऐसा तब तक नहीं हो सकता जब तक खेतों तक जल पहुंचाने का प्रबंध नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने विगत मंगलवार को केंद्र सरकार को आदेश दिया कि वह चार हफ्ते के अंदर सीडब्लूएमबी का गठन करे।
इस अवसर पर केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) एसडी दुबे ने कहा कि राष्ट्रीय विद्युत योजना इस माह के अंत तक सबके सामने आ जाएगी। सितंबर में ही इस योजना को ऊर्जा मंत्रालय को सौंपा जा चुका है।
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