सवर्णों की बेटियों को लेकर आपत्तिजनक बयान देकर घिरे आईएएस संतोष वर्मा, हो रही कार्रवाई की मांग
अजाक्स के प्रांताध्यक्ष संतोष वर्मा सवर्णों की बेटियों पर दिए बयान से विवादों में हैं। उन्होंने आर्थिक आरक्षण पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आरक्षण तब तक जारी रहे जब तक कोई ब्राह्मण उनके बेटे को अपनी बेटी दान न कर दे। कर्मचारी संगठनों ने इस बयान की निंदा की है, इसे आपत्तिजनक और सवर्ण समुदाय का अपमान बताया है। ब्राह्मण सभा ने भी कार्रवाई की मांग की है।

आईएएस संतोष वर्मा के बयान पर बवाल।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी-कर्मचारी संघ (अजाक्स) के नवनिर्वाचित प्रांताध्यक्ष एवं वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा प्रांतीय अधिवेशन में सवर्णों की बेटियों को लेकर दिए बयान में घिर गए हैं।
उन्होंने आर्थिक आधार पर आरक्षण को लेकर कहा था कि यह तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए जब तक कि मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान नहीं कर दे या उससे संबंध नहीं बना दे। इस बयान की कर्मचारी और सामाजिक संगठनों ने निंदा करते हुए कार्रवाई की मांग की।
'इसका आरक्षण से क्या संबंध?'
मंत्रालय सेवा अधिकारी-कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक और तृतीय कर्मचारी संघ के महामंत्री उमाशंकर तिवारी ने कहा कि अजाक्स प्रांताध्यक्ष का यह बयान न केवल आपत्तिजनक है बल्कि समूचे सवर्ण समुदाय का अपमान है। शादी विवाह निजी जिंदगी है। हर वयस्क व्यक्ति अपनी शादी के लिए स्वतंत्र है। कौन किससे शादी करे, यह उसका निजी मामला है और फिर बेटी कोई वस्तु नहीं है जो दान की जाए।
कानूनी तौर पर तो माता-पिता भी अपने पुत्र-पुत्री की शादी किससे हो, यह तय नहीं कर सकते। सवर्ण समाज की बेटियों के बारे में एक वरिष्ठ आइएएस अधिकारी द्वारा ऐसा कहा जाना निंदनीय है। शादी एक नितांत निजी मामला है, इसका आरक्षण से क्या संबंध है। समाज बहुत बदल चुका है। बड़ी संख्या में अंतरजातीय विवाह हो रहे हैं। आरक्षित और अनारक्षित वर्गों के बीच भी बहुत शादियां हो रही हैं।
डा. भीमराव आंबेडकर , रामविलास पासवान सहित कइयों ने ब्राह्मण परिवार में शादी कीं। इस को विषय उठाने से यह भी स्पष्ट हो जाता है कि आरक्षण के पक्ष में इनके पास अब कोई ठोस तर्क नहीं बचा है इसलिए ऐसी अनर्गल बातें की जा रही हैं।
संतोष वर्मा के पहले भी अजाक्स के अनेक प्रांताध्यक्ष रहे लेकिन उन्होंने सवर्ण समाज की बहन-बेटियों के बारे में इस तरह की बातें कभी नहीं कहीं। इस तरह की बयानबाजी कर वे दोनों वर्गों के बीच खाई गहरी कर रहे हैं जो कि देश समाज के हित में नहीं है। प्रत्येक कार्यालय में हर जाति धर्म के कर्मचारी मिलकर काम करते हैं इस प्रकार से बयानों से कहीं ना कहीं खाई बढ़ेगी, मतभेद पैदा होंगे। आरक्षण से जुड़े मामले न्यायालय में लंबित भी हैं।
कार्रवाई करे सरकार : ब्राह्मण सभा
उधर, ब्राह्मण सभा मध्य प्रदेश के अध्यक्ष डा. शैलेंद्र व्यास ने कहा कि यह तुच्छ सोच है। इस तरह की मानसिकता के लोगों पर सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसा नहीं हुआ तो परशुरामजी के वंशज ब्राह्मण समाज के लोग दंड देने से नहीं चूकेंगे।

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