स्वदेशी हवाई संचार प्रणाली विकसित करने साथ आए सेना एवं आईआईटी, एमओयू पर हुए हस्ताक्षर
भारतीय वायु सेना के सॉफ्टवेयर विकास संस्थान (SDI) और IIT मद्रास ने हवाई अनुप्रयोगों के लिए एक स्वदेशी डिजिटल संचार प्रणाली के संयुक्त विकास हेतु समझौत ...और पढ़ें

रणनीतिक क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना के साफ्टवेयर विकास संस्थान (एसडीआई) ने हवाई अनुप्रयोगों के लिए एक स्वदेशी डिजिटल संचार प्रणाली के संयुक्त डिजाइन और विकास के लिए आइआइटी मद्रास के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने, रक्षा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और भारत की रणनीतिक क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सोमवार को जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, समझौता ज्ञापन पर एसडीआई कमांडेंट एयर वाइस मार्शल आर. गुरुहरि, आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रोफेसर वी. कामकोटि और प्रवर्तक टेक्नोलाजीज फाउंडेशन के सीईओ डा एमजे शंकर रमन द्वारा हस्ताक्षर किए गए। इस साझेदारी के माध्यम से वायुसेना का लक्ष्य आईआईटी मद्रास के सहयोग से नेटवर्किंग और एन्क्रिप्शन के लिए उन्नत एल्गोरिदम विकसित करना है।
नेटवर्क आधारित युद्ध के लिए आवश्यक सिस्टम
ये प्रणालियां गतिशील हवाई वातावरण में सुरक्षित, विश्वसनीय और उच्च-प्रदर्शन डाटा विनिमय के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो आधुनिक सैन्य अभियानों और नेटवर्क आधारित युद्ध के लिए आवश्यक हैं। विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि स्वदेशी रूप से इस तकनीक को विकसित करके यह समझौता आयातित प्रणालियों पर निर्भरता को कम करने, तकनीकी संप्रभुता को बढ़ावा देने और भारत के रक्षा बलों की परिचालन दक्षता को मजबूत करने का प्रयास करता है।
एयर वाइस मार्शल आर. गुरुहरि ने कहा, 'आईआईटी मद्रास के साथ यह साझेदारी महत्वपूर्ण रक्षा संचार प्रौद्योगिकियों में पूर्ण आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में एक दूरदर्शी कदम है। अकादमिक उत्कृष्टता को परिचालन विशेषज्ञता के साथ मिलाकर हम ऐसे नवोन्मेषी, स्वदेशी समाधानों का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं जो हमारी वायुसेना की क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएंगे और एक मजबूत एवं आत्मनिर्भर भारत में योगदान देंगे।'
आत्मनिर्भर भारत अभियान के अनुरूप पहल
प्रोफेसर वी. कामकोटि ने कहा, 'भारतीय वायुसेना के सॉफ्टवेयर विकास संस्थान के साथ यह समझौता अकादमिक और रक्षा संस्थानों के बीच तालमेल का एक बेहतरीन उदाहरण है। आईआईटी मद्रास उन्नत संचार प्रौद्योगिकियों और साइबर सुरक्षा में अपनी विशेषज्ञता का योगदान देकर मजबूत, स्वदेशी समाधान तैयार करने में गर्व महसूस करता है।'
उन्होंने कहा कि यह पहल आत्मनिर्भर भारत अभियान के अनुरूप है, जो हमारे राष्ट्र को अत्याधुनिक स्वदेशी प्रौद्योगिकियों से सशक्त बनाकर राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करेगा। इस संयुक्त प्रयास में एसडीआई में भारतीय वायु सेना की विशेषज्ञता और आईआईटी मद्रास की विश्व स्तरीय अनुसंधान सुविधाओं का लाभ उठाया जाएगा।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।