जयललिता की भतीजी दीपा को स्वीकार नहीं शशिकला, नई पार्टी बनाने के दिए संकेत
जयललिता की भतीजी दीपा जयकुमार ने अगले राजनीतिक कदम पर सस्पेंस बरकरार रखा है। जयललिता की जयंती पर वे अपने राजनीतिक भविष्य से पर्दा हटाएंगी।
चेन्नई, प्रेट्र। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की भतीजी दीपा जयकुमार ने राजनीति में आने की घोषणा की है। साथ ही उन्होंने नई पार्टी बनाने के संकेत भी दिए हैं। मंगलवार को उन्होंने साफ कहा कि अन्नाद्रमुक की महासचिव शशिकला उन्हें स्वीकार नहीं हैं।
अन्नाद्रमुक के संस्थापक एमजी रामचंद्रन (एमजीआर) की जन्म शताब्दी के मौके पर मंगलवार को बड़ी संख्या में अन्नाद्रमुक कार्यकर्ता दीपा के आवास पर पहुंचे और एमजीआर को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके ठीक बाद उन्होंने राजनीति में आने की घोषणा की। इस एलान के बाद उनके समर्थकों ने पटाखे फोड़कर और मिठाई वितरित कर अपनी खुशी का इजहार किया।
पढ़ें: जयललिता मौत मामले में जांच के लिए नहीं आया कोई रिश्तेदार: कोर्ट
दीपा का आवास शहर के व्यस्त टी. नगर इलाके में है और वहां उन्हें जयललिता का वारिस बताते हुए बड़े-बड़े बैनर लगाए गए थे। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने वीके शशिकला को स्वीकार कर लिया है या उनका विरोध करती हैं, इस पर उन्होंने कहा, 'मैं पुरतची थलाईवर एमजीआर और पुरतची थलाईवर अम्मा के अलावा किसी और को स्वीकार नहीं कर सकती.. मैं उनकी (जयललिता) जगह किसी और को स्वीकार नहीं करती।'
जब नेताओं ने स्वीकार कर लिया है तो वह स्वीकार क्यों नहीं कर सकतीं और क्या उनके (शशिकला) साथ उनका (दीपा) का कोई निजी मामला है, उन्होंने कहा, 'मेरी राय इस बात पर आधारित है कि लोग क्या चाहते हैं। इसमें कुछ भी निजी नहीं है।' शशिकला के सवाल पर उन्होंने कहा, 'मैं किसी से नहीं डरतीं, लेकिन व्यक्तिगत टिप्पणियां करना मेरी आदत नहीं है।' शशिकला के परिवार के इस दावे पर कि वह (शशिकला) जयललिता का 'दिमाग' थीं, दीपा ने कहा, 'यह धारणा गलत लगती है क्योंकि अम्मा की क्षमताएं अतुलनीय थीं, वह अपनी सोच के आधार पर स्वतंत्र तौर पर फैसले लिया करती थीं।'
पढ़ें: जयललिता की संपत्ति को लेकर PIL दायर, जल्द हो सकती है सुनवाई