'मैं विदेश मंत्रालय की सराहना करता हूं', तहव्वुर राणा को भारत लाने पर पी चिदंबरम ने की मोदी सरकार की तारीफ
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम का कहना है कि मुंबई हमले के आरोपी आतंकी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में ही शुरू हो गई थी। तत्कालीन विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और विदेश सचिव रंजन मथाई ने इसमें अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने कठिन कूटनीतिक लड़ाई के बाद राणा को सफलतापूर्वक भारत लाने पर विदेश मंत्रालय को बधाई भी दी।

एएनआई, नई दिल्ली। मुंबई आतंकी हमले के 16 साल बाद भारत को आतंकी तहव्वुर राणा को अमेरिका से लाने में सफलता मिली है। इस बीच पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने आतंकी तहव्वुर राणा के सफल प्रत्यर्पण पर केंद्र सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में इस प्रक्रिया में तेजी आई।
चिदंबरम के मुताबिक यूपीए सरकार में तत्कालीन मंत्री सलमान खुर्शीद और विदेश सचिव रंजन मथाई ने तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने यह भी कहा कि मैं भाजपा प्रवक्ताओं को गंभीरता से नहीं लेता हूं। मुझे विदेश मंत्रालय के आधिकारिक बयान का इंतजार है। बता दें कि 26/11 मुंबई हमलों के मुख्य आरोपियों में से एक तहव्वुर राणा को गुरुवार को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किया गया था।
पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद।
2009 में शुरू हो गई थी प्रक्रिया
पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि यह प्रक्रिया 2009 में शुरू हुई थी। इसके बाद 2011 में मामले ने उस वक्त रफ्तार पकड़ी जब अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने तहव्वुर राणा की पहचान की। मैं विदेश मंत्रालय, खुफिया एजेंसियों और एनआईए को एक लंबी और कठिन लड़ाई के बाद राणा को भारत वापस लाने पर बधाई देता हूं।
सलमान खुर्शीद ने अहम भूमिका निभाई
चिदंबरम का कहना है कि यूपीए सरकार में विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और विदेश सचिव रंजन मथाई ने इसमें अहम भूमिका निभाई थी। मुझे यकीन है कि मौजूदा मोदी सरकार में भी कई विदेश सचिवों और मंत्रियों ने भी भूमिका निभाई है। मैं अमेरिका की तत्कालीन और वर्तमान सरकार को भी धन्यवाद देता हूं।
मैं भाजपा प्रवक्ता को गंभीरता से नहीं लेता
पी चिदंबरम ने आगे कहा कि मैं भाजपा प्रवक्ता को गंभीरता से नहीं लेता। मैं विदेश मंत्रालय या गृह मंत्रालय से आधिकारिक बयान का इंतजार कर रहा हूं। मैं तथाकथित आधिकारिक प्रवक्ता के विचारों पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। उन्होंने कहा कि धैर्य और मेहनती कूटनीतिक प्रयासों व कानूनी कूटनीति के कारण राणा को भारत लाया गया है।
एनआईए की 18 दिन की हिरासत में राणा
उधर, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने तहव्वुर राणा को 18 दिनों की हिरासत में लिया है। एजेंसी को शक है कि देश के अन्य शहरों में भी ऐसी ही साजिश रची गई थी। माना जा रहा है कि एजेंसी राणा को हमले से जुड़े स्थानों पर ले जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक एनआईए 26/11 मुंबई आतंकी हमलों की जांच का विस्तार कर रही है।अब तहव्वुर राणा को देशभर में विभिन्न स्थानों पर ले जाने की योजना बना रही है।
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#WATCH | Delhi | On 26/11 Mumbai attacks accused Tahawwur Rana's extradition to India, Former Finance Minister and Congress leader P Chidambaram says, "... This process began in 2009 and then gathered pace 2011 when the US intelligence identified Rana... I compliment the external… pic.twitter.com/yJgp3RG679
— ANI (@ANI) April 12, 2025
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