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    Hybrid Terrorist: जम्मू-कश्मीर में पाक आतंकियों की संख्या में इजाफा, तैयार किए जा रहे हाइब्रिड आतंकी

    By Achyut KumarEdited By:
    Updated: Sun, 23 Oct 2022 10:55 AM (IST)

    Hybrid Terrorist जम्मू-कश्मीर में पाक आतंकियों की संख्या स्थानीय आतंकियों की तुलना में ज्यादा हो गई है। आतंकी घाटी में हाइब्रिड आतंकी तैयार कर रहे हैं जिनकी संख्या में लगातार इजाफा हो रही है। सुरक्षा एजेंसियां भी इसे लेकर सतर्क हो गई हैं।

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    जम्मू-कश्मीर में तैयार किए जा रहे हाइब्रिड आतंकी (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    नई दिल्ली, आइएएनएस। जम्मू-कश्मीर में विदेशी (पाकिस्तानी) आतंकवादियों की बढ़ती संख्या ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की चुनौतियों को और बढ़ा दिया है, जिससे पता चलता है कि आतंकी घाटी में हाइब्रिड आतंकी तैयार करने के लिए काम कर रहे हैं। हाल ही में कश्मीरी पंडितों और गैर-कश्मीरी लोगों की लक्षित हत्याएं इसका एक बड़ा उदाहरण हैं।

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    विदेशी आतंकियों की संख्या में इजाफा

    सुरक्षा बलों के सूत्रों के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों में जम्मू-कश्मीर में स्थानीय आतंकियों की तुलना में विदेशी आतंकियों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, घाटी में फिलहाल कुल 137 आतंकी सक्रिय हैं। इनमें 54 स्थानीय आतंकी और 83 पाकिस्तानी मूल के विदेशी आतंकी शामिल हैं।

    तैयार किए जा रहे हाइब्रिड आतंकी

    एक अधिकारी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में विदेशी आतंकवादियों की संख्या बढ़ी है, जिससे सुरक्षा बलों को इनसे निपटने के लिए काफी तैयारी करनी पड़ी है। सूत्रों ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) जैसे आतंकवादी संगठनों ने विदेशी आतंकवादियों को हाइब्रिड आतंकवादी तैयार करने का काम सौंपा है।

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    विदेशी आतंकी कर रहे हाइब्रिड आतंकियों की सहायता

    • सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान से बाहर के आतंकी संगठन अब एक नई रणनीति पर काम कर रहे हैं, जिसमें पाकिस्तान से आए आतंकियों की मदद से जम्मू-कश्मीर में हाईब्रिड आतंकी तैयार किए जा रहे हैं.
    • सुरक्षा बलों की मुस्तैदी से स्थानीय आतंकियों की नई भर्ती में काफी कमी आई है।
    • स्थानीय रूप से सक्रिय आतंकवादियों को भर्ती करने में असमर्थ, घाटी में मौजूद विदेशी आतंकवादी अधिक से अधिक हाइब्रिड आतंकवादियों को आपराधिक गतिविधियों के लिए मदद कर रहे हैं।
    • इनमें स्थानीय युवा शामिल हैं, जो सक्रिय आतंकवादियों को स्लीपर सेल के रूप में मदद करते थे।
    • अब वे सीधे तौर पर आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।
    • इन हाइब्रिड आतंकवादियों द्वारा लक्षित हत्याएं भी की जाती हैं।

    हाइब्रिड आतंकियों की पहचान- एक बड़ी चुनौती

    हाइब्रिड आतंकवादी अलग हैं क्योंकि वे स्थानीय युवा हैं जो आम लोगों की तरह रहते हैं। वे एक आतंकवादी गतिविधि को अंजाम देते हैं, और एक सामान्य जीवन जीने के लिए वापस चले जाते हैं, यही वजह है कि सुरक्षा बलों के लिए उन्हें पहचानना और उन्हें पकड़ना मुश्किल हो जाता है।

    अधिकारियों के पास कोई रिकार्ड नहीं

    अधिकारियों के पास भी इनका कोई रिकार्ड नहीं है। विदेशी आतंकी उनकी मदद कर रहे हैं और आतंकी हरकतों को अंजाम दे रहे हैं। खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों को यह भी सूचना मिली है कि घाटी में मौजूद पाकिस्तानी आतंकवादी उन्हें हथियार और अन्य सहायता भी मुहैया करा रहे हैं।

    स्थानीय आतंकियों की भर्ती घटी, मुठभेड़ में 168 मारे गए

    • घाटी में स्थानीय आतंकियों की भर्ती में कमी आई है।
    • आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 142 की तुलना में इस साल 65 से ज्यादा युवाओं को अलग-अलग आतंकी संगठनों में भर्ती किया गया है। 
    • सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक इस साल अक्टूबर तक सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में कुल 168 आतंकवादी मारे जा चुके हैं।
    • इनमें 47 विदेशी आतंकवादी और 121 स्थानीय आतंकवादी शामिल हैं।
    • सुरक्षाबलों ने अक्टूबर में अब तक सात आतंकियों को ढेर किया है।

    कड़ी रणनीति बना रही सुरक्षा एजेंसियां

    सूत्रों के मुताबिक, इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और जम्मू-कश्मीर पुलिस स्थानीय युवाओं, खासकर उन लोगों के बारे में जानकारी जुटाने में लगी है, जो अचानक से गायब हो गए हैं। घाटी में तलाशी अभियान और नाकेबंदी भी बढ़ा दी गई है। स्थानीय युवाओं की आवाजाही पर कड़ी नजर रखी जा रही है और सुरक्षा एजेंसियां ​​लगातार विदेशी आतंकियों को उनके छिपने के स्थानों से बाहर निकालने की रणनीति बनाने में लगी हुई हैं।

    जम्मू-कश्मीर में चुनौतियां बढ़ीं

    केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के पूर्व महानिदेशक कुलदीप सिंह ने हाल ही में कहा था कि पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से जम्मू-कश्मीर में चुनौतियां कई तरह से बढ़ी हैं। विदेशी आतंकियों की बढ़ती संख्या ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। इसके बाद भी सुरक्षा बल और जम्मू-कश्मीर पुलिस लगातार हर आतंकी गतिविधि को नाकाम करने की कोशिश कर रही है।

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