Hubbali-Idgah row: हुबली ईदगाह मैदान में अब कामदेव की प्रतिमा स्थापित करने की मांग, जानें पूरा मामला
Hubbali-Idgah row कर्नाटक का हुबली ईदगाह मैदान को लेकर जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मैदान में गणेश चतुर्थी उत्सव मनाने के बाद तमाम संगठन अन्य आयोजन कराने की मांग कर रहे है। ताजा मामला होली मनाने को लेकर सामने आया है।
हुबली, आनलाइन डेस्क। कर्नाटक का हुबली ईदगाह मैदान एक बार फिर चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बार 2 संगठनों ने नगर निगम अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर ईदगाह मैदान में कामदेव की प्रतिमा स्थापित कर होली मनाने और ओनक ओबव्वा जयंती मनाने की अनुमति मांगी है। बता दें कि एक दिन पहले एआईएमआईएम ने इसी मैदान में टीपू जयंती मनाने की अनुमति मांगी थी। इससे पहले गणेश चतुर्थी मनाने को लेकर ईदगाह मैदान का मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया था।
टीपू जयंती व कनकदास जयंती मनाने की मांग
कर्नाटक के हुबली ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी मनाने के लिए SC की मंजूरी के बाद, दलित संगठनों और AIMIM ने निगम अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर वहां टीपू जयंती मनाने की अनुमति मांगी। श्रीराम सेना ने भी ज्ञापन देकर वहां कनकदास जयंती मनाने की अनुमति मांगी है। बता दें, विवादित हुबली ईदगार मैदान में गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया गया था। अब AIMIM के लोग इसी ग्राउंड पर 10 नवंबर को टीपू जयंती मनाने की मांग कर रहे हैं।
इस ईदगाह में हुई थी गणेश चतुर्थी की पूजा
बता दें देशभर में यह मैदान उस वक्त चर्चा में आया था जब यहां गणेश चतुर्थी पूजा की अनुमति को लेकर हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक रातभर सुनवाई हुई थी। इसके साथ ही बेंगलुरु के चामराजपेट ईदगाह को लेकर भी सुनवाई हुई थी। कर्नाटक हाईकोर्ट ने हुबली मैदान में गणेश चतुर्थी उत्सव मनाने की अनुमति दी थी, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने बेंगुलरु के चामराजपेट ईदगाह मैदान में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था ये फैसला
बेंगलुरु ईदगाह मैदान पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला जस्टिस इंदिरा बनर्जी, अभय एस ओका, एमएम सुंदरेश की बेंच ने कर्नाटक वक्फ बोर्ड की याचिका पर जो कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी उसको पलटते हुए यह आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। यानी यहां पूजा-अर्चना नहीं की जा सकती है। इससे पहले कर्नाटक हाईकोर्ट ने बेंगलुरु के चामराजपेट ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी मनाने की अनुमति दी थी।