एचपीजेड क्रिप्टो करेंसी धोखाधड़ी मामले में पांच गिरफ्तार, फर्जी कंपनियां बनाकर हुई थी धोखाधड़ी
सीबीआई ने एचपीजेड क्रिप्टो करंसी धोखाधड़ी मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। साइबर अपराधियों ने ऋण नौकरी और क्रिप्टो योजनाओं में निवेश पर भारी मुनाफे का लालच देकर पीड़ितों से करोड़ों रुपये ठगे। दिल्ली हैदराबाद और बेंगलुरु में तलाशी के दौरान डिजिटल साक्ष्य बरामद किए गए। यह धोखाधड़ी 2021 से 2023 के बीच फर्जी कंपनियों के माध्यम से की गई।

पीटीआई, नई दिल्ली। सीबीआइ ने एचपीजेड क्रिप्टो करंसी धोखाधड़ी मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इस धोखाधड़ी मामले में साइबर अपराधियों ने ऋण, नौकरी और क्रिप्टो करंसी योजनाओं में निवेश से भारी मुनाफे का झांसा देकर पीडि़तों से करोड़ों रुपये ठगे थे।
जांच एजेंसी ने दिल्ली, हैदराबाद और बेंगलुरु सहित पांच शहरों में सात ठिकानों पर तलाशी ली। इस दौरान कई आपत्तिजनक डिजिटल साक्ष्य एवं वित्तीय रिकार्ड बरामद किए गए।
सीबीआई ने दर्ज की शिकायत
सीबीआइ प्रवक्ता ने कहा कि जांच एजेंसी ने आपराधिक साजिश, प्रतिरूपण, धोखाधड़ी और सूचना प्रौद्योगिकी (आइटी) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। यह मामला विदेश में बैठे साजिशकर्ताओं के भारतीय नागरिकों के साथ मिलकर एक बड़ी आपराधिक साजिश से जुड़ा हुआ है। इसमें 2021 से 2023 के बीच पूरे भारत में ऋण, नौकरी और क्रिप्टो करंसी योजनाओं में निवेश से भारी मुनाफे का झांसा देकर सुनियोजित तरीके से साइबर धोखाधड़ी की गई।
उन्होंने कहा कि यह धोखाधड़ी कई फर्जी कंपनियां बनाकर की गई। इसका उपयोग म्यूल बैंक खाते खोलने के लिए किया गया। पीडि़तों से प्राप्त धन को इन खातों के माध्यम से निकाला गया।
क्या होता है म्यूल बैंक खाता?
क्रिप्टो करंसी में परिवर्तित किया गया और फिर जटिल मार्गों से भारत के बाहर अंतरित कर दिया गया। म्यूल बैंक खाता वह वैध बैंक खाता होता है, जिसका उपयोग अपराधी अवैध रूप से धन एकत्र करने या मनी लॉन्ड्रिंग के लिए करते हैं। ऐसे खातों का इस्तेमाल अक्सर खाताधारक की जानकारी या अनुमति के बिना किया जाता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।