MP: अस्पताल में इलाज के लिए 2 घंटे तक तड़पता रहा मासूम, परिजनों ने सीएम हेल्पलाइन पर की शिकायत
रीवा के संजय गांधी अस्पताल में एक 13 वर्षीय बच्चे को इलाज के लिए दो घंटे तक इंतजार करना पड़ा। परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल स्टाफ ने बच्चे को भर्ती करने में देरी की जिसके बाद उन्होंने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई। बिजली गिरने से घायल बच्चे को पहले बर्न वार्ड और फिर वार्ड नंबर 7 में भेजा गया लेकिन उसे भर्ती नहीं किया गया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विंध्य के सबसे बड़े संजय गांधी अस्पताल में 13 साल का मासूम इलाज के लिए तड़पता रहा, ऐसा आरोप परिजनों ने सीएम हेल्पलाइन शिकायत में दर्ज कराई है। अस्पताल स्टाफ 2 घंटे उसे एडमिट करने के बजाय यहां-वहां करते रहे। परिजन जब काफी परेशान हो गए तब मासूम को बॉटल लगाई गई। उस बॉटल को महिला ऊपर करके खड़ी रही।
उक्त मामला रीवा के संजय गांधी अस्पताल में शनिवार का बताया गया है। हालांकि अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर राहुल मिश्रा ने पूरे मामले में कड़ी नाराजगी जताई है और जांच करने के लिए टीम का गठन करने की बात कहीं है।
बच्चे को एडमिट करने से किया मना
चाचा रामनरेश ने बताया कि बच्चे के ऊपर बिजली गिरी है। बहुत मिन्नतें करने पर बच्चे को एक बॉटल लगा दिया गया। जिसके बाद एडमिट न करने की वजह से परिजन हाथ में बॉटल लेकर खुद खड़े रहे। उनके के अनुसार पहले उन्हें बर्न वॉर्ड भेजा गया। जहां बच्चे को एडमिट करने से मना कर दिया गया।
सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत के बाद किया भर्ती
बाद में बच्चे को 7 नंबर वॉर्ड में भेजा गया। लेकिन वहां भी भर्ती नहीं किया गया। जिसके बाद परिजन बच्चे को लेकर खड़े रहे और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में फोन कर वहीं से शिकायत की। तब जाकर 2 घंटे की देरी से बच्चे को किसी कदर बच्चा वॉर्ड में भर्ती किया गया। तब तक उसकी हालत काफी बिगड़ चुकी थी। जो अब वेंटिलेटर पर है।
30 अगस्त को गिरी थी बिजली
परिजनों के मुताबिक महोबा ननोरा में गत 30 अगस्त को बिजली गिरी थी। जिसमें महोबा जिला अस्पताल में बच्चे को एडमिट किया गया था। तबीयत ठीक होने के बाद बच्चा पन्ना में था। अचानक तबीयत बिगड़ी और पन्ना के जिला अस्पताल में एडमिट किया गया। जहां से डॉक्टर्स ने उसे रीवा के लिए रेफर कर दिया गया था।
अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा बच्चा
मनीष साहू पुत्र रमेश साहू की उम्र महज 13 साल है। जो अब अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है। हालांकि पूरे मामले में अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर राहुल मिश्रा का कहना है कि लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस तरह के संवेदनशील मामले में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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