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Cyclone Biporjoy तूफान की दस्तक, जानिए आखिर कैसे रखा जाता है तूफानों का नाम?

Cyclone Biparjoy News क्या आपने कभी सोचा है कि इन विनाशकारी तूफानों का नाम कैसे तय होता है? हम आपको बताते हैं कि इन तूफानों का नाम कैसे और कौन तय करता है। जानें कि इन तूफानों का नाम कैसे और कौन तय करता है। Photo- Jagran Graphics

By Devshanker ChovdharyEdited By: Devshanker ChovdharyPublished: Wed, 07 Jun 2023 04:45 PM (IST)Updated: Wed, 07 Jun 2023 04:45 PM (IST)
Cyclone Biporjoy तूफान की दस्तक, जानिए आखिर कैसे रखा जाता है तूफानों का नाम?
जानिए आखिर कैसे रखा जाता है तूफानों का नाम?

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Cyclone Biparjoy: देश में इस वक्त चक्रवात तूफान 'बिपारजॉय' का खतरा मंडरा रहा है। अगले 24 से 48 घंटे इस तूफान के लिए काफी अहम साबित होने वाले हैं, क्योंकि इसी दौरान 'बिपारजॉय' भारत में दस्तक देगा। क्या आपने कभी सोचा है कि इन विनाशकारी तूफानों का नाम कैसे तय होता है? हम आपको बताते हैं कि इन तूफानों का नाम कैसे और कौन तय करता है।

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चक्रवाती तूफानों के नाम

चक्रवाती तूफानों के नाम ऐसे अजब-गजब होते हैं, जिसे देखकर कभी-कभी लोगों की हंसी छूट जाती है। जैसे इनमें कटरीना, बुलबुल, लीजा, पैलिन, लैरी, हुदहुद, निसर्ग, अंफान और निवार तूफान शामिल हैं। ऐसे ही अजीबो गरीब नाम देखकर मन में सवाल आता है कि इसका नाम कैसे तय होता है।

नामकरण की कब हुई शुरुआत?

भारत और उसके पड़ोसी देशों ने वर्ष 2000 के बाद से चक्रवातों के नाम रखने का चलन शुरू किया। इन देशों में भारत के अलावा बांग्‍लादेश, मालदीव, म्‍यांमार, ओमान, पाकिस्‍तान, श्रीलंका और थाइलैंड शामिल हैं। इन देशों ने चक्रवात तूफानों के नाम रखने के लिए एक सूची बना रखी है। साथ ही संयुक्‍त राष्‍ट्र की वर्ल्‍ड मेट्रोलाजिकल आर्गेंनाइजेशन ने चक्रवाती तूफानों के नाम तय करने के लिए कुछ नियम बनाए हैं।

ये 13 देश क्रमानुसार करते हैं नामकरण

अटलांटिक क्षेत्र में चक्रवाती तूफानों के नाम तय करने की प्रथा 1953 में शुरू हुई। वहीं, हिंद महासागर क्षेत्र में इसकी शुरुआत 2004 में हुई। हिंद महासागर क्षेत्र के आठ देशों में भारत, बांग्‍लादेश, मालदीव, म्‍यांमार, ओमान, पाकिस्‍तान, थाइलैंड और श्रीलंका शामिल हैं। इसके अलावा ईरान, कतर, सऊदी अरब और यूएई और यमन को को वर्ष 2019 में शामिल किया गया।

जब किसी चक्रवात तूफान के आने की संभावना बनती है तो यही 13 देश अपने क्रमानुसार इसका नामकरण करते हैं। जैसे- 2107 में आए ओखी तूफान का नाम बांग्लादेश ने तय किया था। सोमालिया में जो चक्रवात आया था उसका नामकरण भारत ने किया था, जिसे गति नाम दिया गया। वहीं, वर्ष 2023 में आए बिपारजॉय का नाम भी बांग्लादेश ने ही तय किया है।

अगले 25 वर्षों के लिए पहले से ही तय है नाम

बता दें कि अगले 25 वर्षों तक के लिए इन देशों ने चक्रवात तूफान को लेकर नाम तय कर रखे हैं। इनमें भारत की ओर से गति, तेज, मुरासु, आग, नीर, प्रभंजन घुरनी, अंबुल जलाधि और वेग नाम दिया गया है। वहीं, बांग्‍लादेश ने अर्नब और कतर ने शाहीन व बहार नाम तय किया है। इसी तरह पाकिस्‍तान ने लुलु तथा म्‍यांमार ने प‍िंकू नाम तय किया है।

गति के आधार पर तय होता है नाम

इसके साथ ही तूफान का नाम क्या रखा जाएगा, ये इसकी गति पर भी निर्भर करता है। मालूम हो कि जिस तूफान की गति कम से कम 63 किलोमीटर प्रति घंटा होता है, उसी का नामकरण होता है। इसके जिस तूफान की गति 118 किलोमीटर प्रतिघंटा से ऊपर होती है, उसे गंभीर श्रेणी में माना जाता है और जिसकी गति 221 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक होती है, उसे सुपर चक्रवाती तूफान कहा जाता है।


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