तमिलनाडु में भारी बारिश का कहर! कई जिलों में रेड अलर्ट, चक्रवात की तैयारियों की सीएम स्टालिन ने की समीक्षा
तमिलनाडु में भारी बारिश के बाद चक्रवात का खतरा मंडरा रहा है। कई जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है और बचाव कार्य की योजना बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री स्टालिन ने एहतियाती उपायों की समीक्षा की है। मौसम विभाग ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है।

तमिलनाडु में बारिश का कहर।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारी बारिश से प्रभावित तमिलनाडु ने चक्रवात के लिए भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। अधिकारियों ने कहा कि तमिलनाडु के कई जिले बचाव और राहत प्लान तैयार कर रहे हैं क्योंकि नॉर्थ-ईस्ट मॉनसून जल्दी आ रहा है।
मौसम विभाग ने कहा कि चक्रवात आने की संभावना है। रीजनल ऑफिस ने मंगलवार को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एहतियाती उपायों का अवलोकन किया। मौसम विभाग ने कल तमिलनाडु के चार जिलों - चेंगलपट्टू, विल्लुपुरम, कुड्डालोर और मयिलादुथुराई में बहुत भारी बारिश का अनुमान लगाया है।
8 जिलों के लिए रेड अलर्ट
तटीय राज्य के कम से कम आठ जिलों - विल्लुपुरम, कुड्डालोर, मयिलादुथुराई, नागपट्टिनम, तिरुवल्लूर, तंजावुर, पुदुकोट्टई और रामनाथपुरम के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। चार जिलों में स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। राज्य की राजधानी चेन्नई अभी तक 'ऑरेंज अलर्ट' कैटेगरी में है। रेड अलर्ट का मतलब है 24 घंटे में 20 सेंटीमीटर से ज्यादा भारी बारिश, जबकि 'ऑरेंज अलर्ट' का मतलब है 11 सेमी. से 20 सेमी. तक बहुत ज्यादा भारी बारिश।
पुडुचेरी भी जरूरत पड़ने पर बचाव और राहत प्लान लागू करने का इंतजाम कर रहा है। उसने बुधवार को स्कूल और कॉलेजों में छुट्टी की घोषणा की है। आरएमसी के डायरेक्टर बी अमुधा के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के ऊपर लो-प्रेशर एरिया बनने की वजह से यह स्थिति बनी है।
इन जिलों में ऑरेंज अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के बुलेटिन में कहा गया है कि तमिलनाडु के जिन दूसरे शहरों को 'ऑरेंज अलर्ट' लिस्ट में रखा गया है, उनमें तिरुवल्लूर, चेंगलपट्टू, कांचीपुरम, कल्लाकुरिची, अरियालुर, पेरम्बलुर, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली और कन्याकुमारी शामिल हैं।
आरएमसी डायरेक्टर ने कहा कि कुल मिलाकर, 1 से 21 अक्टूबर के बीच तमिलनाडु, पुडुचेरी और करिकल में कम से कम 160 एमएम बारिश हुई, जो इस समय के नॉर्मल एवरेज 100 एमएम से 59 परसेंट ज्यादा थी।
उन्होंने मछुआरों से कहा कि वे 23 से 26 अक्टूबर तक अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और दक्षिण अंडमान सागर में न जाएं, क्योंकि 65 किमी. प्रति घंटे तक की तेज हवाएं चलने की उम्मीद है।
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