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    'इसे मंजूरी न दें', हिंदू संगठन ने 'हेट स्पीच' विधेयक पर कर्नाटक के राज्यपाल से की ये मांग 

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 07:00 AM (IST)

    हिंदू जनजागृति समिति ने कर्नाटक में नफरत भरे भाषण और अपराधों पर रोक से जुड़े विधेयक को असंवैधानिक बताते हुए राज्यपाल थावरचंद गहलोत से इसे मंजूरी न देन ...और पढ़ें

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    कर्नाटक विधानसभा। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू जनजागृति समिति ने कर्नाटक में नफरत भरे भाषण और अपराधों पर रोक से जुड़े विधेयक को असंवैधानिक बताते हुए राज्यपाल थावरचंद गहलोत से इसे मंजूरी न देने की अपील की है। संगठन ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धार्मिक स्वतंत्रता के लिए गंभीर खतरा करार दिया है।

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    संगठन और अन्य हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों ने एक ज्ञापन में कर्नाटक घृणास्पद भाषण और घृणा अपराध (रोकथाम) विधेयक, 2025 का विरोध करते हुए कहा कि इसके प्रावधानों का दुरुपयोग कर असहमति की आवाज को दबाया जा सकता है।

    समिति ने क्या दावा किया?

    समिति ने दावा किया कि यह विधेयक अस्पष्ट, अत्यधिक व्यापक और असंवैधानिक है तथा संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है।

    रविवार को जारी बयान में संगठन ने 'घृणास्पद भाषण', 'हेट क्राइम' और 'पक्षपात-प्रेरित हित' जैसी परिभाषाओं को अत्यधिक अस्पष्ट और व्यापक बताते हुए कहा कि इनके जरिए बिना मंशा या आसन्न हिंसा के भी किसी वक्तव्य को अपराध की श्रेणी में लाया जा सकता है, जिससे मनमानी और चयनात्मक कार्रवाई का रास्ता खुलता है।

    धार्मिक आचरण को लेकर जताई चिंता

    धार्मिक आचरण को लेकर चिंता जताते हुए समिति ने कहा कि विधेयक में आरोपी पर यह साबित करने का भार डाला गया है कि उसका कृत्य 'जनहित' या 'सद्भावनापूर्ण धार्मिक उद्देश्य' में था, जो स्थापित आपराधिक न्याय सिद्धांतों के विपरीत है।

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