कर्नाटक के बाद अब तेलंगाना में भी नफरती भाषण के खिलाफ बनेगा कानून, CM रेवंत रेड्डी का बड़ा एलान
तेलंगाना में कर्नाटक के बाद अब नफरती भाषण के खिलाफ कानून बनेगा। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने इसका एलान किया है। इस कानून का उद्देश्य राज्य में नफरत फैल ...और पढ़ें

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी। (फाइल)
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक के बाद अब तेलंगाना में भी नफरती भाषण के खिलाफ जल्द कानून बनाया जाएगा। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार जल्द ही नफरती भाषण के खिलाफ कानून बनाएगी। शनिवार को राज्य सरकार द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में रेवंत ने कहा कि पड़ोसी राज्य कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने अन्य धर्मों के खिलाफ नफरती भाषण देने वालों को दंडित करने के लिए विधेयक लाया है।
उन्होंने कहा, हम जल्द ही विधानसभा में नफरती भाषण के खिलाफ कानून लाएंगे। विधानसभा के बजट सत्र में इस विधेयक को लाकर तेलंगाना सरकार हर धर्म के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ईसाइयों और मुसलमानों के लिए कब्रिस्तानों के लिए भूमि आवंटित करने के कदम उठाएगी। रेड्डी ने कई दशकों से स्थापित ईसाई मिशनरियों द्वारा स्थापित शैक्षणिक संस्थानों की प्रशंसा की।
गौरतलब है कि कर्नाटक विधानमंडल ने विपक्ष के विरोध के बीच इस सप्ताह कर्नाटक नफरती भाषण और नफरती अपराध (रोकथाम) विधेयक को पारित किया है। नफरती भाषण के खिलाफ विधेयक पारित करने वाला कर्नाटक देश का पहला राज्य है।
विधेयक में नफरती अपराध के लिए एक साल की जेल की सजा का प्रविधान है, जिसे सात साल तक बढ़ाया जा सकता है और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। बार-बार अपराध करने पर अधिकतम सजा सात साल होगी साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी देना होगा। प्रस्तावित कानून के तहत अपराध गैर-जमानती होंगे।
(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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