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    'हिंदू विकास दर ने पूरी सभ्यता को बदनाम किया, ऐसी मानसिकता छोड़े', गरजे पीएम मोदी

    Updated: Sun, 07 Dec 2025 02:00 AM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से अगले 10 वर्षों में गुलामी की मानसिकता से पूरी तरह मुक्त होने का आह्वान किया। उन्होंने 'तथाकथित बुद्धिजीवियो ...और पढ़ें

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    हिंदू विकास दर ने पूरी सभ्यता को बदनाम किया, ऐसी मानसिकता छोड़े (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को लोगों से अपील की कि वे अगले 10 वर्षों में देश को गुलामी की मानसिकता से पूरी तरह आजाद करें। उन्होंने ''तथाकथित बुद्धिजीवियों'' पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने सालों की धीमी आर्थिक विकास दर को ''हिंदू रेट आफ ग्रोथ'' कहकर पूरी सभ्यता को बदनाम करने की कोशिश की।

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    ऐसे मानसिकता छोड़नी होगी। मोदी ने कहा कि भारत ऐसे समय में आत्मविश्वास से भरा हुआ है जब दुनिया अनिश्चितताओं से भरी हुई है। भारत वैश्विक मंदी के दौर में भी विकास की कहानी लिख रहा है। हर क्षेत्र औपनिवेशिक मानसिकता को त्यागकर गर्व के साथ नई उपलब्धियों की ओर बढ़ रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत में मानसिक गुलामी के बीज बोने वाली मैकाले की नीति 2035 में 200 वर्ष पूरे कर लेगी।

    पीएम मोदी ने क्या कहा?

    इसका मतलब है कि अभी 10 वर्ष बाकी हैं। इसलिए, इन्हीं 10 वर्षों में हम सभी को मिलकर अपने देश को गुलामी की मानसिकता से मुक्त कराना होगा।एक मीडिया हाउस के कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि ''हिंदू विकास दर'' का शब्द तब प्रयोग किया गया था जब भारत दो-तीन प्रतिशत की विकास दर के लिए तरस रहा था। देश के विकास को उसके लोगों की आस्था और पहचान से जोड़ना उपनिवेशवाद की मानसिकता का प्रतीक था।

    मोदी ने कहा कि यह साबित करने का प्रयास किया गया कि भारत की धीमी विकास दर का कारण ¨हदू संस्कृति है। उन्होंने कहा, ''आज के तथाकथित बुद्धिजीवी जो हर चीज में सांप्रदायिकता ढूंढते हैं, उन्हें ¨हदू विकास दर कहने पर सांप्रदायिकता नहीं दिखी। उनके समय में यह बातें किताबों और शोध पत्रों का हिस्सा बनी थीं।''

    प्रधानमंत्री ने भारत को उच्च विकास और निम्न मुद्रास्फीति का एक माडल बताया। उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की 8.2 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर दर्शाती है कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था का विकास इंजन बन रहा है। मोदी ने कहा- ''भारत का आत्मविश्वास उपनिवेशवाद की मानसिकता से हिल गया था, लेकिन अब हम इससे आगे बढ़ रहे हैं।''

    'भारत एक अलग लीग में नजर आ रहा'

    उन्होंने कहा कि जब दुनिया अनिश्चितताओं से भरी है, भारत एक अलग लीग में नजर आ रहा है। मोदी ने कहा- ''भारत आत्मविश्वास से भरा हुआ है। जब आर्थिक सुस्ती की बात होती है तो भारत विकास की कहानी लिखता है।'' उन्होंने भारत की जीडीपी की वृद्धि दर के आठ प्रतिशत से अधिक के आंकड़े को विकास का प्रतीक बताया।

    मोदी ने कहा- ''यह सिर्फ एक संख्या नहीं है, बल्कि एक मजबूत व्यापक आर्थिक संकेत है।'' उन्होंने बताया कि वैश्विक वृद्धि दर लगभग तीन प्रतिशत है जबकि जी-7 अर्थव्यवस्थाएं औसतन 1.5 प्रतिशत की दर से बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा- ''भारत की उपलब्धियां साधारण नहीं हैं, यह संख्याओं की बात नहीं है, बल्कि पिछले दशक में आए मूलभूत बदलावों की बात है।''

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