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    PAK-चीन की नींद उड़ाने आ गया Himgiri, पढ़ें ब्रह्मोस-बराक मिसाइलों से लैस इस युद्धपोत की खासियत

    Updated: Thu, 31 Jul 2025 07:35 PM (IST)

    Himgiri Warship एडवांस गाइडेड मिसाइल युद्धपोत हिमगिरि को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया जिससे नौसेना की मारक क्षमता बढ़ेगी। गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड द्वारा निर्मित 149 मीटर लंबा और 6670 टन वजनी यह युद्धपोत 17ए परियोजना के तहत बना पहला है। हिमगिरि ब्रह्मोस और बराक 8 मिसाइलों से लैस है जो नौसेना की रक्षात्मक क्षमताओं को मजबूत करेगा।

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    भारत नौसेना को मिला युद्धपोत हिमगिरि।(फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नवनिर्मित एडवांस गाइडेड मिसाइल युद्धपोत हिमगिरि (Himgiri warship) समुद्र में भारतीय नौसेना की मारक क्षमता में गुणात्मक बढ़ोतरी करेगी। नौसेना के लिए युद्धपोत निर्माण की परियोजना 17ए के तहत बने पहले एडवांस गाइडेड मिसाइल युद्धपोत हिमगिरि को गुरुवार को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया।

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    सरकारी क्षेत्र की रक्षा कंपनी गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) लिमिटेड ने इस 149 मीटर लंबे तथा 6670 टन वजनी युद्धपोत को नौसेना के हवाले कर दिया। हिमगिरि जीआरएसई द्वारा निर्मित सबसे बड़ा और सबसे परिष्कृत गाइडेड मिसाइल युद्धपोत है।

    मिसाइल फ्रिगेट क्षमताओं को मिलेगी नई छलांग 

    नौसेना के लिए 17ए परियोजना के तहत बनाए जा रहे तीन एडवांस गाइडेड मिसाइल युद्धपोतों में से हिमगिरि पहला है। हिमगिरि की आपूर्ति के साथ भारतीय नौसेना की उन्नत निर्देशित मिसाइल फ्रिगेट क्षमताओं को नई छलांग मिलेगी।

    जीआरएसई ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि कोलकाता में गुरुवार को भारतीय नौसेना की ओर से पूर्वी नौसेना कमान के चीफ स्टॉफ आफिसर (तकनीकी) रियर एडमिरल रवनीश सेठ ने युद्धपोत हिमगिरि को स्वीकार किया। हिमगिरि जीआरएसई द्वारा निर्मित और वितरित किया जाने वाला 801वां पोत है।

    तीनों युद्धपोतों के निर्माण पर 21,833 करोड़ से अधिक के खर्च का अनुमान

    इस सरकारी रक्षा कंपनी ने इनमें से 112 युद्धपोत बनाए हैं और यह एक ऐसा रिकॉर्ड है जो आज तक देश के किसी भी शिपयार्ड द्वारा नहीं तोड़ा गया है। रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के रूप में जीआरएसई के 65 साल के इतिहास में निर्मित सबसे बड़े और सबसे परिष्कृत गाइडेड-मिसाइल फ्रिगेट परियोजना के तहत हिमगिरि समेत तीनों युद्धपोतों के निर्माण पर 21,833 करोड़ से अधिक के खर्च का अनुमान है।

    14 दिसंबर 2020 को लॉन्च किया गया हिमगिरि ब्रह्मोस एंटी-शिप और लैंड-अटैक क्रू•ा मिसाइलों के साथ-साथ बराक 8 एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइलों से लैस है। जाहिर तौर पर यह नौसैनिक हमले और रक्षात्मक क्षमताओं में एक बड़ी छलांग का हिस्सा है। उच्च स्वदेशी सामग्री के साथ यह जहाज रक्षा उत्पादन में भारत की आत्मनिर्भरता का एक मजबूत प्रतीक भी है।

    युद्धपोत उन्नत एईएसए रडार से लैस 

    यह युद्धपोत डीजल इंजन और गैस टर्बाइन के संयोजन से संचालित होता है। साथ ही यह उन्नत एईएसए रडार और आधुनिक लड़ाकू प्रणालियों से लैस तथा वायु-रोधी, सतह-रोधी और पनडुब्बी-रोधी युद्ध संचालन में सक्षम है।

    खास बात यह भी है कि हिमगिरि पर तैनात किए जाने वाले 225 नौसैनिकों तथा अधिकारियों के लिए इसमें आरामदायक आवास भी हैं। इस जहाज पर हेलीकॉप्टरों के संचालन के लिए पूर्ण विमानन सुविधाएं भी प्रदान की गई है। जीआरएसई इस समय भारतीय नौसेना के लिए चार अलग-अलग वर्गों में 15 युद्धपोतों पर काम कर रहा है।

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