Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पर्याप्त अवसर का मतलब अनिश्चितकालीन समय देना और प्रक्रिया को लंबित रखना नहीं : हाई कोर्ट

    Updated: Thu, 25 Dec 2025 11:45 PM (IST)

    इलाहाबाद हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पर्याप्त अवसर देने का मतलब अनिश्चितकालीन समय देना नहीं है। सिविल प्रक्रिया संहिता के अनुसार, पक्षों को विश ...और पढ़ें

    Hero Image

    विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि पर्याप्त अवसर देने का मतलब अनिश्चितकालीन समय देना और प्रक्रियाओं को अनावश्यक रूप से लंबित रखना नहीं है। सिविल प्रक्रिया संहिता के अनुसार पक्षों को विशेष कार्य करने के लिए अधिकतम तीन अवसर दिए जा सकते हैं, जब तक विशेष कारणों से अधिक समय देने की आवश्यकता न हो। एक बार आदेश पारित होने के बाद फिर आदेश देना उचित नहीं है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    असंतुष्ट रहने पर अपीलकर्ता सक्षम प्राधिकरण के समक्ष प्रार्थना कर सकते हैं और प्राधिकरण से यह अपेक्षा की जाती है कि वह कानून के अनुसार नया आदेश पारित करे।उक्त टिप्पणी के साथ मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली तथा न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की खंडपीठ ने हिंदू इंटर कालेज प्रबंध समिति मुंगरा जौनपुर की विशेष अपील निस्तारित कर दी है। यह अपील एकल पीठ के 30 अक्टूबर 2025 को पारित उस आदेश के खिलाफ दायर की गई थी जिसमें सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860 ‘एक्ट’ की धारा 4-बी के तहत लंबित प्रक्रियाओं को देखते हुए तीन सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का निर्देश रजिस्ट्रार को दिया गया था।

    रजिस्ट्रार के समक्ष लंबित थी प्रक्रिया

    प्रक्रिया सहायक रजिस्ट्रार के समक्ष लंबित थी। पूर्व में समिति ने जिला निरीक्षक स्कूल जौनपुर के 29 सितंबर 2025 को पारित उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि संस्था की सदस्यता से संबंधित विवाद रजिस्ट्रार के समक्ष विचाराधीन है, इसलिए चुनाव कार्यक्रम प्रकाशित करने और पर्यवेक्षक नियुक्त करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

    सहायक रजिस्ट्रार की तरफ से दायर अनुपालन हलफनामा में बताया गया है कि लंबित प्रक्रियाओं का निर्णय आठ दिसंबर 2025 को कर दिया गया है। हालांकि प्रक्रियाओं के निर्णय में देरी के लिए दिए गए स्पष्टीकरण के संबंध में केवल यही बताया गया है कि कई तारीखें तय करने के बावजूद पक्षों ने दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए थे। प्रकरण प्रबंध कमेटी के चुनाव से जुड़ा है।