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    उत्तर भारत में गुलाबी ठंड की शुरुआत, बारिश और बर्फबारी के कारण गिरा पारा; पंजाब-बिहार में नदियां उफान पर

    Updated: Wed, 08 Oct 2025 06:00 AM (IST)

    लगातार वर्षा से तापमान में गिरावट आई है और मैदानी व पर्वतीय राज्यों में हिमपात हो रहा है जिससे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पंजाब और बिहार में नदियों का जलस्तर बढ़ने से फसलें डूब गई हैं जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। दिल्ली में भारी वर्षा के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।

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    वर्षा और हिमपात के कारण गर्मी से राहत मिली है (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    टीम जागरण, नई दिल्ली। लगातार जारी वर्षा से तापमान में तेजी से गिरावट आई है। मैदानी और पर्वतीय राज्यों में जारी वर्षा और हिमपात के कारण गर्मी से तो राहत मिली है, लेकिन लोगों की दुश्वारियां भी बढ़ गई है। पंजाब और बिहार में नदियों का जलस्तर बढ़ने से खेत पानी से डूब गए। इससे फसलों को नुकसान हुआ है।

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    वहीं पंजाब और हरियाणा में जारी वर्षा के कारण मंडियों में रखा धान और गेंहू भी भीग गया। एनसीआर में मंगलवार शाम भारी वर्षा का आरेंज अलर्ट था। शाम को तेज हवाओें के साथ हुई भारी वर्षा ने तापमान को कई डिग्री नीचे ला दिया। शाम 5:30 बजे तक, पालम मौसम केंद्र ने 41.6 मिमी वर्षा दर्ज की। दिल्ली का न्यूनतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस रहा जो सामान्य से 1.3 डिग्री सेल्सियस कम है।

    पंजाब के कई जिलों में भारी बारिश

    पंजाब के कई जिलों में मंगलवार को हुई भारी वर्षा ने किसानों की चिंता को फिर बढ़ा दिया है। तेज हवा के साथ हुई वर्षा से पकी धान की फसल खेतों में बिछ गई है और मंडियों में पहुंचा अधिकांश धान भीग गया है। हिमाचल प्रदेश में हो रही वर्षा के कारण बांधों का जलस्तर फिर से बढ़ गया है, जिससे सतलुज, ब्यास और रावी के किनारे बसे क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। पंजाब में अक्टूबर में वर्षा का 70 वर्षा का रिकॉर्ड टूट गया है।

    पिछले चौबीस घंटे के दौरान पंजाब में 8.2 मिलीमीटर वर्षा हुई है। उधर, हरियाणा में पिछले तीन दिन से लगातार वर्षा हो रही है। इसके चलते अधिकतम तापमान में आठ से 10 डिग्री तक गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार प्रदेश के 16 जिलों में वर्षा हुई। तेज वर्षा के चलते मंडियों में रखा गेहूं भीग गया।

    पहाड़ों पर हिमपात और वर्षा से ठंड बढ़ी

    हिमाचल के रोहतांग, शिकुला व बारालाचा दर्रों में हो रहे हिमपात से मनाली-लेह मार्ग पर लाहुल स्पीति के दारचा में लगभग 250 वाहन फंस गए। दो से आठ फीट तक हिमपात होने से पांगी घाटी का संपर्क कट गया है। शिमला जिले की चांशल पीक पर मंगलवार को सीजन का पहला हिमपात हुआ। पर्यटन स्थल रोहतांग पर्यटकों के लिए तीसरे दिन भी बंद रहा।

    ऊना, सुंदरनगर व शिमला में 2004 के बाद 24 घंटों के दौरान सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई। उधर मंगलवार को कश्मीर घाटी के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश का सिलसिला जारी रही। गुलमर्ग में शून्य से नीचे का तापमान दर्ज किया गया। जम्मू संभाग में मौसम साफ और दिनभर धूप खिली रही। उत्तराखंड में लगातार दूसरे दिन वर्षा-बर्फबारी का दौर जारी रहा।

    चोटियां बर्फ से लकदक

    केदारनाथ, बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब समेत तमाम चोटियां बर्फ से लकदक हो गई हैं। वहीं, निचले दौर में रिमझिम वर्षा से पारे में और गिरावट आ गई है। बाक्स-बिहार में नदियां उफान पर, कई जगह टूटे तटबंध बिहार के विभिन्न जिलों में नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। सोमवार रात मधुबनी के अंदौली और पतार गांव में धौंस नदी का पश्चिमी तटबंध दो स्थानों पर टूट गया, जिससे मधुबनी और सीतामढ़ी के एक दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।

    लगभग डेढ़ लाख लोग प्रभावित हुए हैं और 20 हजार बीघे में लगी फसल जलमग्न हो गई है। मुजफ्फरपुर के कटरा में बागमती नदी का जलस्तर भी उफान पर है, जिसके कारण सुरक्षा तटबंध टूटने से बकुची और नवादा के स्कूलों में तीन फीट से अधिक पानी भर गया है।

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