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    कर्नाटक में बिजली की दरों में वृद्धि का भारी विरोध, कई हिस्सों में कारोबारियों ने किया विरोध प्रदर्शन

    By Jagran NewsEdited By: Piyush Kumar
    Updated: Thu, 22 Jun 2023 11:21 PM (IST)

    कर्नाटक चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री उद्योगपतियों और अन्य कारोबारियों ने गुरुवार को बंद रखने के साथ ही कई शहरों में विरोध जुलूस निकाले। इन जुलूसों में बड़ी संख्या में लोगों ने शामिल होकर बिजली मूल्यों में बढ़ोतरी पर विरोध जताया। चैंबर के कार्यकारी अध्यक्ष संदीप बिदसारिया ने कहा है कि बिजली दरों में 50 से 70 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी की गई है।

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    बिजली की दरों में वृद्धि के विरोध में कर्नाटक में व्यापारियों ने किया विरोध प्रदर्शन।(फोटो जागरण)

    बेंगलुरु, पीटीआइ। कर्नाटक में बिजली की दरों में वृद्धि के विरोध में व्यापारियों और कारोबारियों ने विरोध तेज कर दिया है। यह विरोध प्रदेश के कई हिस्सों में हो रहा है। गुरुवार को एक दिन के लिए कई हिस्सों में कारोबार बंद रखकर विरोध प्रदर्शित किया गया।

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    राज्य के उद्योग मंत्री एमबी पाटिल ने कारोबारियों से सरकार का सहयोग करने का अनुरोध किया है। सफाई दी है कि बिजली की दरों में बढ़ोतरी कर्नाटक बिजली नियामक आयोग ने की है, न कि राज्य सरकार ने।

    विरोध प्रदर्शनों के बीच कर्नाटक स्टेट राइस मिलर्स एसोसिएशन ने निकट भविष्य में तैयार चावल के मूल्य में तीन से चार रुपये प्रति किलो की वृद्धि होने के संकेत दिए हैं। ऐसा बिजली मूल्य में बढ़ोतरी के चलते लागत राशि बढ़ने के कारण होगा।

    बिजली मूल्यों में बढ़ोतरी पर लोगों ने जताया विरोध

    कर्नाटक चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री, उद्योगपतियों और अन्य कारोबारियों ने गुरुवार को बंद रखने के साथ ही कई शहरों में विरोध जुलूस निकाले। इन जुलूसों में बड़ी संख्या में लोगों ने शामिल होकर बिजली मूल्यों में बढ़ोतरी पर विरोध जताया।

    चैंबर के कार्यकारी अध्यक्ष संदीप बिदसारिया ने कहा है कि बिजली दरों में 50 से 70 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी की गई है।

    सरकार ने शुरू किया ग्रुहा ज्योति योजना

    राज्य में यह विरोध तब शुरू हुआ है जब सरकार ने ग्रुहा ज्योति योजना के तहत 200 यूनिट प्रति माह तक इस्तेमाल करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली देने के अपने वादे पर कार्य शुरू किया है। इसके लिए इसी सप्ताह पंजीकरण शुरू हुआ है।

    इससे कारोबारियों, उद्योगपतियों और बड़े उपभोक्ताओं के बीच संदेश गया है कि छोटे उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली देने के लिए उन पर बोझ बढ़ाया गया है। इसी के चलते राज्य में नवगठित सरकार का विरोध खड़ा हो गया है।