उत्तर भारत में और चढ़ेगा पारा, इन राज्यों में पांच दिनों तक पड़ेगी प्रचंड गर्मी; मानसून को लेकर IMD ने क्या दिया अपडेट?
Weather Updates Today आइएमडी ने उत्तर प्रदेश एवं पश्चिमी राजस्थान में 15 से 18 मई के बीच हीट वेव (लू) चलने की आशंका जताई है। गुजरात में भी अभी तीन-चार दिनों तक गर्मी बनी रह सकती है जबकि उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों का मौसम 18 मई को टर्न ले सकता है। इस दिन जम्मू-कश्मीर में बारिश की स्थितियां बन रही हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश के मौसम में अभी गर्मी और बारिश की दो स्थितियां सक्रिय हैं। दक्षिण के राज्यों में लगातार बारिश हो रही है तो उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में तापमान बढ़ने लगा है। अगले तीन-चार दिनों तक गंगा का मैदानी हिस्सा तपने वाला है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, पूरा उत्तर प्रदेश, बिहार के साथ ही मध्य प्रदेश के उत्तरी हिस्से का तापमान आम लोगों को परेशान कर सकता है।
हालांकि, इस दौरान स्थानीय कारणों से जहां-तहां शाम के समय हल्की बारिश भी हो सकती है। इस बीच, अरब सागर से नमी युक्त हवाओं के लगातार आगे बढ़ने के कारण अंडमान निकोबार एवं बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी हिस्से में मानसून के आगे बढ़ने की स्थितियां अनुकूल हो रही हैं। अगले तीन से चार दिनों तक अरब सागर में आगे बढ़ते हुए मानसून अंडमान को पूरा कवर कर लेगा।
उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में 18 मई को मौसम ले सकता है करवट
भारत मौसम विभाग (आइएमडी) ने उत्तर प्रदेश एवं पश्चिमी राजस्थान में 15 से 18 मई के बीच हीट वेव (लू) चलने की आशंका जताई है। गुजरात में भी अभी तीन-चार दिनों तक गर्मी बनी रह सकती है, जबकि उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों का मौसम 18 मई को टर्न ले सकता है। इस दिन जम्मू-कश्मीर में बारिश की स्थितियां बन रही हैं। इसका असर अगले दिन 19 मई को पंजाब एवं हरियाणा के कुछ इलाकों तक देखा जा सकेगा।
एनसीआर समेत आसपास के कुछ इलाकों में बादल आते-जाते रह सकते हैं। ऐसी स्थिति लद्दाख, गिलगित, बाल्टिस्तान, हिमाचल, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा एवं पश्चिम उत्तर प्रदेश में अगले दो दिनों तक यानी 20 मई तक बनी रह सकती है। गरज और बिजली के साथ आंधी चलने की संभावना है। हवा की गति 30-50 किमी प्रति घंटा हो सकती है। इससे तापमान में दो से तीन डिग्री तक गिरावट हो सकती है।
उत्तर भारत की तुलना में दक्षिण की स्थितियां विपरीत रहेंगी। उपग्रह से भेजी गई तस्वीरों से पता चलता है कि दक्षिण ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र-केरल के पास तीव्र से अति तीव्र चक्रवातीय संचरण की स्थिति बन रही है। ऐसी स्थिति तब बनती है जब विभिन्न दिशाओं से हवाएं आकर एक स्थान पर मिलती हैं।
इससे हवा ऊपर उठने लगती है और संघनित होकर बादल में तब्दील हो जाती है। दक्षिण भारत में अभी ऐसी ही स्थिति बन रही है, जिससे बड़े इलाके में भारी वर्षा, तूफान और तेज हवा के हालात उत्पन्न कर सकता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।