कोरबा में चंगाई सभा, हिंदू संगठन और ईसाई समुदाय आमने-सामने, क्या है मामला?
छत्तीसगढ़ के कोरबा में पास्टर बजरंग जायसवाल द्वारा बिना अनुमति चंगाई सभा करने पर विवाद हो गया। बजरंग दल, हिंदू महासभा और भाजपा कार्यकर्ताओं ने मतांतरण ...और पढ़ें

कोरबा में बवाल।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में बिना अनुमति चंगाई सभा करने के आरोप में गिरफ्तार पास्टर बजरंग जायसवाल ने जेल से रिहा होने के बाद पुन: कानून का उल्लंघन करते हुए रविवार को चंगाई सभा का आयोजन किया।
सूचना मिलते ही बजरंग दल, हिंदू महासभा और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और मतांतरण का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। मसीही समाज के 350 से अधिक लोग भी वहां एकत्रित हुए, जिससे तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई।
धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का मामला हुआ दर्ज
इस मामले में सोमवार को पुलिस ने पास्टर बजरंग जायसवाल की पत्नी, पुत्र व कार्यक्रम स्थल के मालिक के खिलाफ धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज किया है। कटघोरा के तहसीलभाठा निवासी परिवर्तित ईसाई व पास्टर बजरंग जायसवाल ने 20 दिन पहले लाउडस्पीकर के माध्यम से ईसाई धर्म का प्रचार किया था, जिसके विरोध में मोहल्ले के लोग कटघोरा थाना पहुंचे थे।
पुलिस ने बिना अनुमति सभा करने के आरोप में उसे गिरफ्तार किया था। हाल ही में रिहा होने के बाद उसने सुतर्रा पेट्रोल पंप के पास चंगाई सभा का आयोजन किया। इस पर हिंदू महासभा के निखिल अग्रवाल, विनय वैष्णव, और अन्य कार्यकर्ता वहां पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया। दोनों पक्षों में धक्का-मुक्की भी हुई।
पुलिस ने क्या बताया?
इस घटना की शिकायत सुतर्रा के सरपंच ने कटघोरा थाने में की थी। थाना प्रभारी धर्मनारायण तिवारी ने बताया कि जिस जमीन पर टेंट लगाकर प्रार्थना सभा आयोजित की गई, उसके स्वामी रामकुमार पोर्ते, पास्टर बजरंग की पत्नी संतोषी तथा पुत्र वरुण के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया है। बता दें कि पास्टर बजरंग सभा आयोजन का मुख्य सूत्रधार था, वह कार्यक्रम स्थल पर भी मौजूद था, बावजूद इसके पुलिस उसके खिलाफ कार्रवाई करने से बच रही है।

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