भारतीय सेना के 10 विध्वंसक हथियार जिनके नाम से घबराता है पाकिस्तान, देखें तस्वीरें
वैश्विक शक्ति बनने की ओर अग्रसर भारतीय सेना के पास मिराज के अलावा अन्य दस ऐसे विध्वंसक हथियार हैं जिनके नाम से ही दुश्मन भी घबराते हैं।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में घुसकर हवाई हमले से वहां छुपे बैठे आतंकियों को करारा जवाब दिया। वायुसेना ने नियंत्रण रेखा के पार आतंकी कैंप पर 12 मिराज-2000 लड़ाकू विमानों के जरिये करीब 1000 किलोग्राम के पांच बम बरसाए। पाकिस्तान के लड़ाकू विमान एफ-16 मिराज की मार का जवाब तक नहीं दे सके। वैश्विक शक्ति बनने की ओर अग्रसर भारतीय सेना के पास मिराज के अलावा अन्य दस ऐसे विध्वंसक हथियार हैं जिनके नाम से ही दुश्मन भी घबराते हैं।
सुखोई-30
रूस में निर्मित सुखोई-30 लड़ाकू विमान विश्व के चुनिंदा बेहतरीन विमानों में से एक है। रूस की सेना के जखीरे में भी प्रमुख तौर पर शामिल है। 21.93 मीटर लम्बाई और 14.7 मीटर चौड़ाई वाले इस विमान का वजन 18 हजार चार सौ किलोग्राम है। हथियार के साथ इसका वजन 26 हजार किलोग्राम तक हो सकता है। इसकी अधिकतम रफ्तार 2120 किमी प्रति घंटे है। दो इंजन पर आधारित ये विमान तीन हजार किमी तक की गहराई तक निशाना साधकर हमला करने में सक्षम है।
आइएएनएस चक्र-2
परमाणु क्षमता युक्त पनडुब्बी आईएएनएस चक्र-2 नौसेना का बड़ा हथियार है। इसकी खासियत है कि ये पानी में 600 मीटर तक गहराई में रह सकती है। इसकी अधिकतम गति 30 समुद्री मील है। इसमें आठ पनडुब्बी रोधी टॉरपीडो हैं। भारतीय नौसेना ने रूस से इसे एक अरब डॉलर के सौदे पर 10 साल के लिए लिया गया है।
टी 90-भीष्म
ये भारतीय सेना का सबसे ताकतवर टैंक माना जाता है। इसे केमिकल या रेडियोएक्टिव हमले से नष्ट नहीं किया जा सकता है। इसकी मारक क्षमता पांच किमी तक है। 48 टन के इस टैंक में 125 एमएम की स्मूथबोर गन और 12.7 एमएम की मशीनगन है जिसे टैंक के अंदर बैठा कमांडर रिमोट से निंयत्रित कर सकता है।
बैलेस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम
इस सिस्टम में ग्रीन पीन रडार के फॉर्म के साथ दो इंटरसेप्टर मिसाइल पीएडी (पृथ्वी एयर डिफेंस) और एएडी(एडवांस एयर डिफेंस) शामिल हैं। दोनों मिसाइलों को इनरशियल नेविगेशन सिस्टम के जरिए निर्देशित किया गया है। पीएडी 80 से दो हजार किमी तक दुश्मन की मिसाइल रोक सकता है। वहीं एएडी 250 किमी से अधिक की रेंज तक हमला कर दुश्मन के वार को रोक सकता है।
ब्रह्मोस
ब्रह्मोस मिसाइल का भारत और रूस मिलकर विकास कर रहे हैं। ये रूस की पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की प्रौद्योगिकी पर आधारित है। यह मिसाइल भारत की अब तक की सबसे आधुनिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली है और जिसने भारत को मिसाइल तकनीकी में अग्रणी देश बना दिया है। ये मिसाइल जमीन, समुद्र और आकाश से समुद्र और जमीन पर हमला कर सकती है। इसकी मारक क्षमता 290 किमी और गति 208 मैक है। स्टीप डाइव क्षमता की वजह से ये पहाड़ी क्षेत्रों के पीछे छिपे लक्ष्यों पर भी हमला कर सकती है। वायुसेना इसे सुखोई-30 एमकेआइ लड़ाकू विमान पर उड़ान के लिए तैयार किया जा रहा है।
पी 81 नेप्च्यून
महासागर से सटी भारतीय सीमा में दुश्मनों की घुसपैठ को रोकने के लिए पी-81 विमान को शामिल किया गया। इसमें पनडुब्बियों को खोजने के लिए विशेष सेंसर लगा है। ये अपने बेस से दो हजार किमी दूर तक हमला कर सकता है। इसमें 120 सोनोबॉयस हैं। ये छह, 54-माको टारपीडो व पंखों पर 4 हार्पून मिसाइल ले जा सकता है।
आइएनएस विक्रमादित्य
ये विमान वाहक पोत 44,500 टन वजनी है। ये 32 नॉट (59 किमी/घंटा) की रफ्तार से गश्त करता है और लगातार 100 दिन तक समुद्र में रह सकता है। इसकी लंबाई 283.1 मीटर और ऊंचाई 60.0 मीटर है। इस पर 22 डेक और तल हैं। हैं। है। इसमें 1.6 हजार लोग एक साथ सवार हो सकते हैं। ये एक साथ 24 मिग-29के विमान ढोने में सक्षम है।
पिनाका एमएलआर
रक्षा अनुसंधान, विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय सेना द्वारा संयुक्त रूप से विकसित मल्टी-बैरल रॉकेट लांचर है। 40 किमी रेंज तक गोले दागने वाला ये हथियार 12 रॉकेट दाग सकता है। ये 65 किमी दूर तक वार करने में सक्षम है। युद्ध की स्थिति में ये त्वरित प्रतिक्रिया और त्वरित हमले करने में सक्षम है।
अवाक्स प्रणाली
एयरबोर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम यानी अवॉक्स भारतीय वायुसेना में शामिल एक ऐसी प्रणाली है जो आसमान में 400 किलोमीटर ऊपर क्रूज मिसाइलों और विमानों का पता लगा सकती है। ये सिस्टम किसी भी मौसम में आकाशीय खतरे को भांपने में सक्षम है। ये सिस्टम कम ऊंचाई पर उड़ने वाली ऐसी चीजों का भी पता लगा सकता है, जो अक्सर राडार की पकड़ से बच निकलती हैं।
नामिका (नाग मिसाइल कैरियर)
ये मिसाइल ऊंचाई से हमला करने और सभी मौसम में फायर करने की सक्षम है। इसका 42 किलो के इस मिसाइल को आकाश से जमीन पर हमला करने के लिए हेलीकॉप्टर पर लगाया जा सकता है।