Kulbhushan Jadhav Case: पाकिस्तान के खिलाफ भारत फिर जा सकता है आईसीजे- हरीश साल्वे
Kulbhushan Jadhav Case अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में कुलभूषण मामले में भारत की ओर से पैरवी कर चुकेहरीश साल्वे ने कहा कि इस मामले में अभी भी आइसीजे में पैरवी की जा सकती है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव के मामले में अभी अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आइसीजे) में और पैरवी की जा सकती है। लेकिन इस बारे में फैसला सरकार को करना है। वैसे सरकार इस मसले पर पाकिस्तान के साथ कई माध्यमों से वार्ता कर रही है। यह बात वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कही। साल्वे अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में कुलभूषण मामले में भारत की ओर से पैरवी कर चुके हैं। आइसीजे ने जुलाई 2019 में दिए आदेश में पाकिस्तान को जाधव को फांसी न देने और सजा पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है।
अधिवक्ता परिषद की ओर से आयोजित दत्तोपंत ठेंगड़ी व्याख्यानमाला में उन्होंने जाधव मामले में सुनवाई के दौरान अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के अनुभवों को बताया।उन्होंने कहा, अभी भी कुछ बिंदुओं को लेकर हम अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के पास जा सकते हैं।न्यायालय ने अंतरराष्ट्रीय प्रावधानों के अनुसार कई निर्देश दिए हैं लेकिन पाकिस्तान उनका उचित रूप से पालन नहीं कर रहा। हम इस बिंदु को भी न्यायालय के समक्ष रख सकते हैं।
जाधव को पाकिस्तान ने भारतीय जासूस होने के आरोप में गिरफ्तार किया है और सैन्य अदालत में मुकदमा चलाकर उन्हें मौत की सजा सुनाई है। पाकिस्तान ने जाधव के तोड़फोड़ की वारदातों में शामिल होने की बात भी कही है।
बता दें कि भारत ने पाकिस्तान के उन आरोपों से हमेशा इन्कार किया है कि जाधव भारत की ओर से जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों में लिप्त था। भारत का आरोप है कि जाधव का ईरानी बंदरगाह चाबहार से अपहरण किया गया था जहां वह कारोबार करता था।
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) का कहना है कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव मामले में वियना संधि का उल्लंघन किया है। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के अध्यक्ष जज अब्दुलाकावी यूसुफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा(UNGA) को दिए अपने संबोधन में यह बड़ा बयान दिया है। आईसीजे के अध्यक्ष जज अब्दुलाकावी यूसुफ ने कहा है कि कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान ने वियना संधि के तहत अपने दायित्वों का उल्लंघन किया है।